आंल वेदर रोड से जान जोखिम में डालकर चारधाम यात्रा करेंगे श्रद्धालु
धाम यात्रा के आगाज के लिए सिर्फ एक दिन बाकी बचा है, लेकिन आल वेदर रोड पर जगह-जगह बने डेंजर जोन का ट्रीटमेंट निर्माण एजेंसियां नहीं तलाश पाई हैं। इससे यात्रा जोखिम से भरी हो सकती है। चारधाम यात्रा मार्ग पर 67 डेंजर जोन चिन्हित हैं, इनमें कुछ में ही सुधार के काम हो पाए हैं। सरकार ने यात्रा से पहले डेंजर जोन ठीक करने का दावा किया था।
श्रीनगर -बदरीनाथ मार्ग पर छब्बीस डेंजर जोन
ऋषिकेश बद्रीनाथ राजमार्ग के चौड़ीकरण होने के बाद भले ही यात्रा सुगम हो चुकी है, लेकिन चौड़ीकरण से कई स्थानों पर नए भूस्खलन जोन बन गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग श्रीनगर ने 26 क्षेत्र ऐसे चिन्हित किए हैं। अभी इनके ट्रीटमेंट के लिए से आगणन तैयार किया जा रहा है।
चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। लेकिन सड़कों की स्थिति अभी सुधरी नहीं है। कई जगह पर सड़कों पर डेंजर जोन बने हैं। यात्रा से पहले सभी डेंजर जोन ठीक नहीं किए गए। अब यात्रा के दौरान अगर कार्य होता भी है तो यात्रियों को असुविधा हो सकती है। विभाग को यात्रा से पहले काम करवाना चाहिए था। एचएच के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा ने बताया कि फरासू में भूस्खलन वाला क्षेत्र था, उसे ठीक कर दिया गया है।
इसमें कुछ ही काम बाकी है। चमधार नया भूस्खलन क्षेत्र उभर रहा है, इसके ट्रीटमेंट के लिए योजना बनाई जाएगी। कोडियाल, तोता घाटी, मूल्यागांव, शिव मूर्ति, देवप्रयाग के पास, चमधार, जवाड़ी बाई पास आदि स्थान जहां ट्रीटमेंट किया जाना प्रस्तावित है। सरकार ने चारधाम यात्रा से पहले सभी डेंजर जोन भरने का दावा किया था।लेकिन अभी तक यह पूरा होता नहीं दिख रहा।
बदरीनाथ मार्ग पर नए भूस्खलन जोन
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के लिए अब सिर्फ छह दिन बचे हैं, लेकिन डेंजर जोन अभी तक दुरस्त नहीं हो पाए हैं। कर्णप्रयाग के पास सोनला के बीच के अभी काम ही चल रहा है, जबकि चाड़ा, बिरही और पीपल कोटी के बीच चाढ़ा नामक स्थान डेंजर बरकरार है। जोशीमठ से बद्रीनाथ की और पेका पुल से टय्या पुल तक लगभग 1.5 किमी सड़क पर लैंडस्लाइड से सड़क बंद होने का खतरा बना हुआ है।