पूर्व सीएम हरीश रावत के सियासी वादे अभी भी जारी,अब कांग्रेस ने तीन नए संकल्प गिनाए
देहरादून उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए भले ही मतदान एक सप्ताह पहले सम्पन्न हो चुका हो, लेकिन पूर्व सीएम हरीश रावत अब भी इलेक्शन मोड में हैं। अब रावत ने ‘यदि उनके हाथ में बात आई तो’ कहते हुए, दिवंगत दलित कार्यकर्ताओं के नाम पर तीन नई योजनाएं शुरू करने का संकल्प जाहिर किया है।
शनिवार के अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर जारी संदेश में रावत ने कहा कि उनकी राजनीतिक और सामाजिक सोच को आकार देने में तीन दलित कार्यकर्ताओं का बड़ा भारी योगदान रहा है। इसमें सुशील कुमार निरंजन, रामलाल विद्यार्थी और राधेलाल चर्मकार का नाम शामिल है।
रावत ने विस्तार से जिक्र करते हुए बताया कि सुशील कुमार निरंजन एक दलित एक्टिविस्ट के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। इसलिए वो चाहते हैं कि यदि कभी उनके हाथ में बात रही तो वो सुशील कुमार निरंजन के कार्यक्षेत्र रामनगर में उनके नाम पर एक सार्वजनिक लाइब्रेरी की स्थापित करूंगा।
इसी तरह सबसे पहले हाथी को अपना चुनाव चिन्ह बनाने वाले मूलरूप से शिल्पकार और भूमिहीनों के नेता स्वर्गीय रामलाल विद्धार्थी के नाम पर भी भूमिहीन परिवारों की किसी बसासत का नाम रखना चाहुंगा। जबकि राधेलाल चर्मकार के नाम पर चर्मकार सम्मान पेंशन भी प्रारंभ करना चाहुंगा। चाहे यह यह राशि पांच सौ रुपए ही क्यूं न हो।
रावत ने इस पोस्ट के साथ अपना वीडियो भी डाला है, तमाम लोग इस पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं। इससे पहले रावत मतदान समाप्ति के बाद लालकुआं थाने में पुलिस कर्मियों से वोट भी मांगते नजर आ चुके हैं। वो चुनाव बाद भी लगातार सक्रियता दिखाने वाले चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं।