मौसम के अनुसार कपकोट विधान सभा की राजनीति ने ली करवट , कांग्रेसी नेता लगातार ले रहे है भाजपा की सदस्यता

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इस बार भाजपा से युवा प्रत्याशी सुरेश गढ़िया काग्रेस प्रत्याशी ललित फर्स्वाण पर भारी पड़ रहे है जानकरों ने बताया कि इस बार भाजपा के प्रत्याशी सुरेश गढ़िया युवा चेहरा होने के साथ स्थानीय होने का फायदा मिल रहा है आजतक भाजपा से जो भी उम्मीदवार रहे वे 50 से ऊपर रहे ं वही कांग्रेस से ललित फर्स्वाण से प्रत्याशी है जो दूसरे विधान सभा क्षेत्र बागेश्वर से आकर यहां चुनाव लड़ रहे है उनका भी यहां पर दबदबा है , लेकिन कांग्रेसी लगतार भाजपा में शामिल हो रहे जिसे ललित फर्स्वाण की चिंता बढ़ा है। वे 2017 में चुनाव हाराने के बाद भी क्षेत्र में जनसंपर्क में रहते आये है लेकिन अधिकतर लोगों का कहना है कि वे बाहरी है यानिक कि बागेश्वर विधान सभा से है , अब यहां पर स्थानीय बनाम बाहरी की अक्क्र देखायी दे रही है। यह भी देखने को मिला कि सुरेश गढ़िया के भाजपा प्रत्याशी बनने से क्षेत्र के कई पुराने दिग्गज कांग्रेसी नेता भाजपा का दामन थामा है।
कपकोट विधानसभा क्षेत्र में 108737 मतदाता हैं. यहां जातीय समीकरण के आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा सवर्ण मतदाता करीब 65 प्रतिशत ब्राह्मण व क्षत्रिय हैं, जबकि 35 प्रतिशत एससी-एसटी और ओबीसी जाति के मतदाता हैं। सर्वे में यह भी देखने को मिल कि क्षत्रिय वोटरों में गढ़िया बिरादरी सबसे ज्यादा है वही सुरेश गढ़िया का गृह क्षेत्र होने से रिस्तेदारी भी काफि लम्बी चौड़ी है जिसका फायदा सुरेश गढ़िया को मिल सकता है। दूसरी तरफ जहां भी चुना प्रचार में पहुंच रहे है वहां उन्हें पूरा जनसमर्थन मिल रहा है ।

कपकोट ( गजेन्द्र कपकोटी ) । उत्तराखंड से अलग राज्य बनने के बाद कपकोट विधान सभा सीट पर अब तक 4 चुनाव और एक उपचुनाव हो चुके हैं ं। पहले व दूसरे चुनाव में भाजपा के भगत सिंह कोश्यारी चुनाव जीते. दूसरे चुनाव में भगत सिंह कोश्यारी के राज्यसभा सांसद बनने पर कपकोट में उप चुनाव हुए जिसमें भाजपा के शेर सिंह गड़िया चुनाव जीते. उसके बाद तीसरा चुनाव 2012 में हुआ, जिसमें कांग्रेस के ललित फर्सवाण चुनाव जीते और चौथे चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बलवंत सिंह भौर्याल जीते ं इस बार यानि 2022 के चुनाव में भाजपा ने युवा नेता सुरेश गढ़िया पर जीत का भरोसा जताया है।
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा की चुनावी तैयारियां अपने पूरे शबाब पर है. कपकोट विधानसभा सीट जो प्रदेश बर्फबारी वाले इलाकों में एक है. वहां भी चुनावी माहौल बेहद गर्म है. कपकोट विधानसभा पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. देखना होगा 2022 के चुनाव में किसकी जीत होती है. कपकोट विधानसभा े में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने जनता को बारी-बारी समय दिया है. इसी सीट पर महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी दो बार विधानसभा पहुंचे हैं कपकोट विधानसभा सीट उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में आती है. 2017 में भारतीय जनता पार्टी से बलवंत सिंह भौर्याल ने कांग्रेस के ललित फर्स्वाण को 5982 मतों के अंतर से हराया था.
कपकोट विधानसभा क्षेत्र में 108737 मतदाता हैं. यहां जातीय समीकरण के आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा सवर्ण मतदाता करीब 65 प्रतिशत ब्राह्मण व क्षत्रिय हैं, जबकि 35 प्रतिशत एससी-एसटी और ओबीसी जाति के मतदाता हैं जो दोनों युवा चेहरों के भाग्य का फैसला करेगें । कपकोट विधानसभा क्षेत्र में राज्य बनने के बाद हुए चारों विधानसभा चुनावों में से दो बार भाजपा ने जीत दर्ज किया है. तो वहीं दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. इस सीट पर कोई भी पार्टी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत पाई है. वहीं इस सीट पर एक बार चुनाव भी हुआ है ं इस बार भाजपा का युवा चेहरा होने के लोगों में काफि उम्मीदें है और सुरेश गढिया पर भरोसा जताया है।

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