फर्जी शैक्षिक दस्तावेज बनाने में प्रधानाचार्य ने पद का दुरूपयोग कर जेल की हवा लेगें , केस दर्ज

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लांलकुआं । साइबर ठगी में गिरफ्तार आरोपी ने कोर्ट में फर्जी शैक्षिक दस्तावेज दर्ज कर खुद को बाल अपचारी घोषित करा लिया। राजस्थान गई पुलिस को जब इस बात का पता चला तो उसने कोर्ट में प्रमाण पेश किए। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले पैरोकार और विद्यालय के प्रधानाचार्य के खिलाफ धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यहां आपको बता दें कि सेंचुरी मिल की स्टाफ कॉलोनी निवासी विकास अग्रवाल व पदमपुर देवलिया निवासी गौरव सिंह से फरवरी में साइबर ठगी हुई। दोनों मामलों में आरोपी मिजाज खान, इमरान खान व कामरान निवासी भरतपुर राजस्थान व हैदल अली निवासी मथुरा यूपी को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद कामरान व हैदर अली व उनके पैरोकारों ने कोर्ट में ऐसे प्रमाण पत्र दाखिल किए, जिनके आधार पर आरोपियों को बाल अपचारी घोषित कर दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें राजकीय संप्रेषण गृह हल्द्वानी भेज दिया। हैदर के नाबालिग होने के शक पर कोतवाल संजय कुमार उसकी ओर कोर्ट में पेश शैक्षिक दस्तावेजों की जांच करने राजस्थान गए। जहां उसके शिक्षा ग्रहण करने वाले दस्तावेजों में दर्ज विद्यालय श्रीहरिया इंटर कॉलेज मूढसेरस थाना गोवर्धन जिला मथुरा में जाकर जांच की। जहां प्रधानाचार्य राजेन्द्र सिंह द्वारा दिखाई गई छात्र उपस्थिति पंजिका का अवलोकन करने पर गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद कोतवाल ने सभी दस्तावेजों को कोर्ट में दाखिल किया। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले पैरोकार और विद्यालय के प्रधानाचार्य के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज बनाने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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