हल्द्वानी के निजी अस्पताल ने ईलाज के दौरान व्यापारी की मॉं की जान लेने का आरोप

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अगर यही मामला योगी सरकार में होता तो अस्पताल संचालक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो जाता और अस्पताल का लाईसैंस भी रदद् हो जाता लेकिन उत्तराखंड में तो ऐसे अस्पतालों को और संरक्षण मिलता है।

हल्द्वानी। कालाढूॅंगी रोड में एक निजी अस्पताल ने एक वृद्ध मां की इलाज में लापरवाही बरतने पर मौत हो गई। आक्रोशित व्यापार मंडल ने कोतवाली पहुंचकर निजी अस्पताल के खिलाफ तहरीर दी है। जिसमें आरोपित चिकित्सक पर मुकदमा दर्ज करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ ,कहा पहिले पूरी जांच होगी फिर से केस दर्ज करने पर विचार किया जायेगा ।
आपको बता दें कि व्यापार मंडल के सदस्य अंजनी ने कोतवाली में निजी अस्पताल के खिलाफ तहरीर सौंपी है। तहरीर में व्यापारी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के चलते उनकी मां को बीते पांच मई को कालाढूंगी रोड स्थित अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां वह 23 मई तक रही। लेकिन चिकित्सकों ने इलाज को गंभीरता से करने के बजाय लापरवाही बरती। जिससे मां की तबीयत खराब होती गई।
अंजनी के आरोप लगाया कि मॉं को देखने के लिए चिकित्सक आते ही नहीं, केवल स्टाप के भरोसे ईलाज चल रहा था जिसे मां की तबियत और खराब हो गई ऐसे में तबीयत ज्यादा खराब होने पर जब स्वजनों ने मरीज से मिलने की इच्छा व्यक्त की तो मिलने नहीं दिया गया। बाद में तबीयत में सुधार नहीं होने की शिकायत की गई तो चिकित्सक ने गुस्से में कहा अपने मरीज को अस्पताल से बाहर ले जाने के लिए कहा। ऐसे में 23 मई को गंभीर हालत में बुधवार को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। मौत के बाद दिल्ली स्थित अस्पताल में चिकित्सकों ने कहा कि इनका इलाज पूर्व में ठीक से नहीं किया गया। लापरवाही के चलते इनकी मौत हुई है। ऐसे में आक्रोशित स्वजनों ने कोतवाली पहुंच सोमवार को मामले में लिखित तहरीर दी है।
स्वजनों का कहना है कि मां को हल्द्वानी स्थित निजी अस्पताल से 23 तारीख को ही डिस्चार्ज करा दिया गया था। इसके बाद भी निजी अस्पताल में 24 तारीख को इंजेक्शन देने का हवाला देते हुए बकाया बिल भरने की मांग की है। जिससे अस्पताल की लूट-खसोट ही उनका द्यंद्या बना हुआ है। इस संबंध में कोतवाल मनोज रतूड़ी ने बताया कि मामले की पूरी जांच होगी, तभी मुकदमा दर्ज करने पर विचार किया जायेगा ।

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