ऑनलाइन ट्यूशन फीस के नाम पर निजी स्कूल वसूल रहे पूरी फीस

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शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी कहते है कि स्कूलों के बंद होने के चलते सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के निर्देश दिए हैं। लेकिन निजी स्कूल ऑनलाइन ट्यूशन फीस के नाम पर अभिभावकों से वार्षिक , मैंन्टेनैंस व बिजली ,पानी पूरी फीस वसूल रहे हैं। बच्चों के भविष्य को देखते हुए अभिभावक भी विरोध नहीं कर पा रहे हैं।अगर कोई अभिभावक लिखित शिकायत करते है तो डर है कि कहीं बच्चे को स्कूल में तकलीफ देगें व स्कूल से निकाल न दें इसी वजह से खुलकर सामने नहीं आ रहे है । उधर अधिकारियों का कहना है कि शिकयत लिखित रूप में दें ताकि कार्यवाही की जाय ।

हल्द्वानी /नैनीताल । कोरोना महामारी के चलते प्राईवेंट ,कानवेंट स्कूल विगत एक वर्ष से बंद चल रहे हैं। स्कूल फिर से बंद होने पर स्कूल प्रबंधन शिक्षकों से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करवा रहा है। स्कूलों के बंद होने के चलते सरकार ने स्कूलों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के निर्देश दिए हैं। लेकिन निजी स्कूल ऑनलाइन ट्यूशन फीस के नाम पर अभिभावकों से पूरी फीस वसूल रहे हैं। हालांकि शिक्षक सरकारी स्कूल में पढ़ रहे छात्रों के लिए कोरोनाकाल आर्थिक तौर पर फायदेमंद साबित हुए हैं।
कोरोनाकाल की आपदा भी निजी स्कूलों के लिए किसी अवसर से कम नहीं हैं। कोरोना से पहले निजी स्कूल जो फीस ले रहे थे, वही स्कूल ऑनलाइन ट्यूशन नाम पर छात्रों के अभिवाकों से स्कूल प्रबंधन आज भी वसूल रहे हैं। ऐसे में अभिभावकों पर तीहरी मार झेलनी पड़ रही है। पहला तो स्कूल बंद होने के बाद पूरी फीस देनी पड़ रही हैं तो वहीं दूसरा ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए प्रत्येक बच्चे के हिसाब से मोबाइल खरीदना पड़ रहा है। तीसरा कि मोबाइल से पढऩे पर बच्चों की आंख व दिमाग पर ज्यादा जोर पडऩे से वह बीमार महसूस कर रहे हैं। ऐसे में अभिवाकों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
कुछ अभिभावक स्कूलों की ली जा रही पूरी फीस की रसीद प्रूफ के तौर पर दिखाया।अभिभावक खुलकर सामने नहीं आ रहे इसका कारण कि उन्हें डर है कि उनके कुछ बोलने के बाद स्कूल प्रबंधन उनके बच्चे को स्कूल से न निकाल सके।

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