कांग्रेस में विश्वासपात्र नेता रंजीत दास ने भाजपा का दामन थामा ,कहा कांग्रेस का वही हाल हो गया जैसे उक्रांद का ,कांग्रेस लगा करेंट
बागेश्वर विधान सभा उपचुनाव
2022 के विधान सभा चुनाव में बागेश्वर सीट से भारतीय जनता पार्टी ने चंदन राम दास को चुनावी मैदान में उतारा था. वह यहां से 12,141..वोटों के बड़े अंतर से जीते. बीजेपी प्रत्याशी को 32211 वोट मिले वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार रंजीत दास को 20070 वोटों से ही संतोष करना पड़ा काग्रेस दूसरे नंम्बर की पार्टी बनकर रह गई । अब वे भाजपा में शामिल हो चुके है।
पांच सितंबर को बागेश्वर विधानसभा सीट पर मतदान होना है। इससे पहले भाजपा ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। कांग्रेस के दिगग्ज नेताओं को यह सोचा ही नहीं था कि रंजीत दास जैसा कांग्रेस का असली सिपाही भाजपा का दामन थाम लेगा । अब कांग्रेस के लिए उधर खाई उधर कुआं वाला हिसाब हो गया है। एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
बागेश्वर । उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. रंजीत दास पार्टी के एक मजबूत नेता थे. उनके बीजेपी में आने से पार्टी को बागेश्वर में और मजबूती मिली है. उत्तराखंड इकाई ने उम्मीदवारी के लिए तीन नामों की लिस्ट तैयार की है, जिसपर अगले दो-तीन दिनों फैसले की उम्मीद है.
उत्तराखंड में कांग्रेस को झटका, उपचुनाव के संभावित उम्मीदवार बीजेपी में शामिल
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने पटका पहनकर रंजीत दास का पार्टी में स्वागत किया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में रंजीत दास को पार्टी में शामिल किया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बागेश्वर उप चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। यह सीट विधानसभा सदस्य व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास की मृत्यु के बाद रिक्त घोषित की गई थी। नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि 17 अगस्त है। 21 अगस्त को नाम वापस लिए जा सकते हैं। इसके बाद पांच सितंबर को मतदान व आठ सितंबर को मतगणना होगी।
उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर उपचुनाव होना है. इससे ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. बागेश्वर सीट से कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार रंजीत दास ने आज बीजेपी जॉइन कर लिया. उन्होंने देहरादून में बीजेपी कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ली. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बहुत बड़े फैन हैं. सीएम को वह अपने कॉलेज के समय से जानते हैं. रंजीत दास ने कहा कि वह सीएम धामी के कामों से बहुत प्रभावित हैं. यह साफ नहीं है कि रंजीत दास को उप-चुनाव में उम्मीदवार बनाया जाएगा या नहीं.पूर्व कांग्रेस नेता और अब बीजेपी में शामिल हो चुके रंजीत दास ने कहा कि उनके आत्म सम्मान को ठेस पहुंच रहा था. उन्होंने कहा, “मुझे लगा मेरे आत्म सम्मान को ठेस पहुंच रहा है तो मैं उस परिवार (कांग्रेस) छोड़ इस परिवार (बीजेपी) में आ गया हूं. रंजीत दास एक मजबूत उम्मीदवार माने जाते हैं. उपचुनाव से ठीक पहले उनका बीजेपी में शामिल होना, पार्टी की सीट पर दावेदारी को और मजबूत करता है. इससे पहले भी रंजीत दास विधानसभा और निकाय चुनाव लड़ चुके हैं. रंजीत दास एक राजनैतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं. इनके पिता गोपाल दास उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड में चार बार विधायक रहे हैं.