उत्तराखंड की राजनीति में रावत का सियासी कद बढ़ा ,कांग्रेस ने भाजपा को मात देने के लिए रणनीति बनानी शुरू की

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दिल्ली में काग्रेस मुख्यालय में उत्तराखंड में सियासी रण जीतने के लिए कई मंथन शुरू हुआ , मंथन व चिंतंत में काग्रेस ने आगामी उत्तराखंड विधान सभा चुनाव2022 में फिर से एक बार पार्टी महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर दांव लगाने का फैसला लिया है।

देहरादून. उत्तराखंड में सियासी रण जीतने के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर अपने दिग्गज नेता को रणभूमि में सेनानायक बनाया है।
जानकारों से ज्ञात हुआ है कि पार्टी महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कांग्रेस बड़ी बाजी लगाएगी. उत्तराखंड कांग्रेस विधानसभा चुनाव हरीश रावत के चेहरे के साथ लड़ने का ऐलान कर सकती है. राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान होने में भी समय लग सकता है. यहां प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी अभी फैसला नहीं हो सका है. पंजाब कांग्रेस में विवाद की वजह से उत्तराखंड पर कांग्रेस आलाकमान अभी तक कोई फैसला नहीं ले सके हैं. माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस में विवाद निपटारे के बाद ही उत्तराखंड पर कोई फाइनल फैसला लिया जा सकता है.
सूत्रों के हवाले ज्ञात हुआ है कि कांग्रेस उत्तराखंड के चुनाव में रावत को न केवल पार्टी का सीएम चेहरा बनाएगी, बल्कि कैंपेन कमेटी का चेयरमैन भी बनाने की भी तैयारी में है. यानि उत्तराखंड की राजनीति में रावत के सियासी कद का चुनावी फायदा उठाने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. हरीश रावत को उत्तराखंड का सीएम चेहरा बनने के लिए मनाना और एक बार फिर राज्य की राजनीति में सक्रिय होने के लिए राजी करना जरूरी है. क्योंकि, पिछले चुनाव में आपसी गुटबाजी की वजह से हरीश रावत की कुर्सी चली गई थी. विजय बहुगुणा के साथ चल रहे घमासान की वजह से पार्टी में बड़े पैमाने पर टूट-फूट हुई, जिसकी वजह से राज्य में कांग्रेस कमज़ोर हुई और बीजेपी को सत्ता में आने का मौक़ा मिल गया. अब एक बार फिर आलाकमान की कोशिश होगी कि हरीश रावत को आगे करके सत्ता पर काबिज हुआ जाए. लेकिन, कांग्रेस के लिए सिर्फ सीएम चेहरा बनाना ही चुनौती नहीं है. संगठन में भी बड़े फेरबदल की तैयारी है

उत्तराखंड में हरीश रावत की अच्ठी पैठ है.वे मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के लिए भी राजी हो जाएंगे, लेकिन असली पेंच उत्तराखंड कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर है. जिस तरह पंजाब में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को लेकर टकराव जारी है, रावत वो सीन उत्तराखंड में नहीं दोहराना चाहते. वो चाहते हैं कि उनके करीबी और ब्राह्मण नेता गणेश गोदियाल को अध्यक्ष की कुर्सी मिले. ऐसा करने पर अब से लेकर चुनाव के बाद तक हरीश रावत के सामने सीएम की कुर्सी तक पहुंचने में कोई चुनौती नहीं रहेगी. ये तभी मुमक़िन है, जब उत्तराखंड के वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह अपनी कुर्सी गोदियाल के लिए छोड़ने पर राज़ी हों.

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