महाकुंभ जाने से पहले पढ़ लें ये जरूरी बातें, कब जाएं, कैसे जाएं से लेकर कहां रुकें तक हैं पूरी डिटेल

ख़बर शेयर करें

हल्द्वानी । हल्द्वानी से जाने वाले श्रद्धालुओं को कैसे और कहां से मिलेंगे वाहन, कितना पैदल चलना पड़ सकता है और किन बातों का ख्याल रखना होगा जरूरी, इन सबके बारे में जानने के लिए महाकुंभ से लौटे हमारे रिपोर्टर की रिपोर्ट।
144 वर्ष बाद बने महाकुंभ के इस दुर्लभ संयोग में हर कोई संगम में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करना चाहता है। प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर कल महाकुंभ का सबसे बड़ा स्नान पर्व होगा। ऐसे में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। ऐसे में पूरी तैयारी और जानकारी के साथ ही जाएं, वरना वहां पहुंचकर परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। हल्द्वानी से जाने वाले श्रद्धालुओं को कैसे और कहां से मिलेंगे वाहन, कितना पैदल चलना पड़ सकता है और किन बातों का ख्याल रखना होगा जरूरी है।
हल्द्वानी से प्रयागराज तक की दूरी 514 किलोमीटर दूर है यानि कि 12 घंटे का रास्ता सड़क से है। इसके लिए राविवार को हल्द्वानी से उत्तराखंड परिवहन निगम ने वाल्बों सेवा शुरू की गई है ं,इसके अलावा हल्द्वानी से यूपी परिवहन निगम की की बस सेवा भी है जिसमें यूपी ने चार बसें और लगाई है। हल्द्वानी से इलाहाबाद के लिए बस का किराया 842 रूपये है लेकिन ऑंनलाइन टिकट बुकिंग पर 250 रूपये तक की छूट मिलेगी ं ।
संगम स्नान स्थल के लिए पांच किमी पैदल यात्रा करनी होगी, क्योंकि यहां से वाहनों का प्रवेश बंद है। हालांकि, मौनी अमावस्या पर यहां तक भी वाहनों की सुविधा नहीं मिलेगी। संगम स्थल से करीब 10 किमी पहले ही वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। ।
सुबह जा रहे हैं तो प्रयास करें कि नित्यक्रिया से निवृत्त होकर ही मेला परिसर में स्नान के लिए प्रवेश करें। परिसर में यूं तो थोड़ी-थोड़ी दूरी पर अस्थायी सुलभ शौचालय हैं, लेकिन ज्यादा भीड़ होने पर असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। मेला परिसर में जगह-जगह मार्ग की जानकारी देते हुए बोर्ड मिल जाएंगे। फिर भी कोई दिक्कत होने पर वहां मौजूद पुलिसकर्मी आपकी हर संभव मदद के लिए मौजूद रहेंगे।
ट्रेन से जा रहे हैं तो ऐसे मिलेगा साधन
आप ट्रेन से महाकुंभ के लिए पहुंचना चाहते हैं तो आठ स्टेशन बनाए गए हैं। प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज रामबाण, प्रयाग घाट, दारागंज और बमरौली जंक्शन से ऑटो, सिटी बस और टैक्सी से महाकुंभ तक पहुंच सकते हैं।
अकेले हैं तो बाइक हो सकता है अच्छा विकल्प
आप अकेले ही प्रयागराज पहुंचे हैं तो संगम मेला परिसर, अरैल घाट या फिर अन्य जगहों तक पहुंचने के लिए बाइक बेहतर विकल्प हो सकता है। प्रयागराज में बहुत से बाइक वाले लगभग हर चौराहे पर मौजूद रहते हैं, जो आपको गंतव्य तक जाम के बीच भी जल्द पहुंचा सकते हैं। यहां कई रूट ऐसे भी हैं जहां चार पहिया वाहनों का प्रवेश जाम लगने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
इन बातों का रखें ख्याल

  • मौनी अमावस्या पर अपने साथ बुजुर्ग, बीमार व बच्चों को ले जाने से बचें।
  • आधारकार्ड या अन्य कोई पहचानपत्र साथ रखें।
  • हो सके तो रहने की व्यवस्था पहले से बुक करा लें।
  • सुबह और रात में ठंड रहती है। गर्म कपड़े भी साथ रखें।
  • बहुत ज्यादा सामान साथ ले जाने से बचें।
  • स्नान के लिए अधिकृत घाटों का ही इस्तेमाल करें।
  • अजनबियों पर भरोसा न करें, संदिग्ध वस्तुओं को न छुएं।
  • मोबाइल संभालकर रखें, बैटरी भी चार्ज हो।

You cannot copy content of this page