धर्म संसद विवाद : जेल में बंद वसीम रिजवी ने हाईकोर्ट में लगाई जमानत की अर्जी
नैनीताल : हाईकोर्ट ने हरिद्वार धर्म संसद में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में जेल में बंद जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने जमानत तथा मुकदमा निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनएस धानिक की एकलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 24 घंटे या 23 फरवरी तक सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं। हरिद्वार में बीते 17 दिसंबर से 20 दिसंबर तक धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र नारायण त्यागी ( वसीम रिजवी), महंत यति नरसिंहानंद, महेंद्र धर्मदास, साध्वी अन्नपूर्णा व कुछ अन्य संतों ने अपने विचार रखे थे। धर्म संसद में भाषण से जुड़े वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने पर एक संप्रदाय के खिलाफ मामला हाेने का आरोप लगाकर मामले ने तूल पकड़ लिया था।
दो फरवरी को 2022 को ज्वालापुर हरिद्वार निवासी नदीम अली निवासी ज्वालापुर हरिद्वार ने हरिद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज की जिसमें कहा गया है कि हिन्दू साधु संतों की ओर से 17 से 19 जनवरी को हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया था। धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान किया गया। यही नही मुसलमानों के पवित्र ग्रन्थ कुरान व पैगम्बर मोहम्मद साहब के खिलाफ आपत्ति जनक शब्दो का प्रयोग भी किया गया। जितेंद्र नारायण त्यागी, यति नरसिंघानन्द व अन्य ने बाद में इसका वीडियो बनाकर वायरल भी कर दिया।
इस भड़काऊ भाषण से जिले में अशांति का माहौल बना रहा। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की किरकिरी हुई। धर्म संसद के वक्ता प्रबोधानंद गिरी ने हरिद्वार की मस्जिदों में रह रहे लोगो के खिलाफ हिंसा फैलाए जाने का प्रयास भी किया गया। पुलिस ने शिकायत के आधार आईपीसी की धारा 153 A,295 तहत नरसिंधानंद गिरी, सागर सिंधु महाराज, धर्मदास महाराज, परमानंद महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा, स्वामी आनंद स्वरूप, अश्वनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण सहित स्वामी प्रबोधानंद गिरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। अब जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक व एफआईआर को निरस्त करने को याचिका दायर की है।