बागेश्वर में रोडवेज डिपो शो पीस बना , पहले कोविड सेन्टर था अब विरान पड़ा है

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बागेश्वर: बागेश्वर बस अड्डे को अपग्रेड कर डिपो बनाने की मांग पुरानी है लेकिन डिपो अस्तित्व में नहीं आने से यहां बसें भी नहीं आ सकी हैं। बस अड्डा तो है, लेकिन लोगों को दूसरे डिपो से आने वाली बसों पर निर्भर रहना पड़ता है। कई बार बसें स्टेशन पर भी नहीं आती और लोग बसों का इंतजार करते रह जाते हैं। मजबूरन लोगों को टैक्सी का सहारा लेना पड़ता है। डिपो बनने के बाद बागेश्वर प्रदेश और देश के दूसरे राज्यों की सीधी बस सेवाओं से भी जुड़ता। देहरादून, दिल्ली समेत देश के दूसरे राज्यों के लिए भी सीधी बस सेवा मिलती।

बिलौना में बनाया गया उत्तराखंड परिवहन निगम का बस स्टेशन वीरान पड़ा हुआ है। 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसका लोकार्पण किया। 288.83 लाख की लागत से भवन का निर्माण हुआ। यहां पर मात्र दो कर्मचारी तैनात हैं। कोविड काल में इसका उपयोग स्टेजिग एरिया के रूप में किया गया। वर्तमान में भी यहां पर कोविड टेस्टिग की टीम तैनात रहती है। लोकार्पण के बाद प्रदेश सरकार इसे भूल गई। वर्तमान में यहां पर रोडवेज की अल्मोड़ा डिपो की दो बसें और देहरादून डिपो की एक बस आती है।

देखरेख के अभाव में भवन में कई जगह दरारें पड़ गई हैं। सीलन से प्लास्टर उखड़ रहा है। जिससे कार्यदायी संस्था के कार्य की गुणवत्ता पर समय-समय पर सवाल उठते रहते हैं।

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