हल्दूचौड़ में सात साल बाद भी निर्माणाधीन अस्पताल अधर में लटका

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जिस तरह से विधायक दुम्का खनिज भंडारण के लिए मंत्री बशीधर से मिले है ,अगर इसी तरह से निमार्णधीन अस्पताल के लिए मिलते तो जनता को विश्वास होता कि विधायक जी जनहित में काम कर रहे है

हल्दूचौड़ में सात साल बाद भी निर्माणाधीन अस्पताल अधर में लटका
हल्द्वानी । भाजपा ने पूर्ण बहुमत से तो सरकार बना ली आजतक धरातल में कोई विकास कार्य नहीं कर पायी । कहने को भाजपा कीते आई कि डबल ईजन की सरकार है ये तो सिंगल ईजन के बराबर काम नहीं कर पाये जो काम काग्रेस के समय से चल रहे थे उनमें भी ब्रेक लगा दिया यही कारण अस्पताल का पूरा काम आजतक नहीं हो पाया । सरकार के अब केवल नौ महिने बचे है। इन नौ महिनों में क्या गुल खिला देगें । विधायक जी क्षेत्र की जनता को हमेशा झूइे आश्वासन देते आए है।
इस महामारी इस दौर में सरकारें होटलों को अस्थाई अस्पताल बना रहे है। सात सालों में हल्दूचौड़ में निर्माणाधीन 30 बेड का अस्पताल आज भी नहीं बन पाया है। विधायक नवीन दुम्का ने फरवरी 2021 में अस्पताल का पूरा काम होने का दावा किया था। अब अप्रैल भी जाने वाला है यानि कि 2022 में भी पूरा होने के कोई आसार नहीं दिख रहे अस्पताल शुरू न होने के कारण लोगों को हल्द्वानी व बरेली के लिए जाना पड़ता है।
बरेली रोड, लालकुआं व बिन्दुखत्ता के गांवों की भारी जनसंख्या व राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों के उपचार के लिए हल्दूचौड़ में नवंबर 2014 को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र नेगी, वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश व श्रममंत्री हरीश दुर्गापाल ने हल्दूचौड़ में 30 बेड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नींव रखी थी। अस्पताल के निर्माण का जिम्मा उत्तराखंड राज्य अवस्थापना विकास निगम यानी ब्रिडकुल को मिला।

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