मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के हल्द्वानी आगमन पर काले झंडे दिखाए

हल्द्वानी । मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के हल्द्वानी दौरे के दौरान भीम आर्मी कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रर्दशनकर काले झंडे दिखाकर मुख्यमंत्री वापस जाओ के नारे लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
उत्तराखंड राज्य में कोरोना महामारी के कारण एक गंभीर स्थिति बन गयी है। काम बंद होने के कारण लाखों दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार है और दूसरी तरफ एक लाख से ज्यादा उत्तराखंडी युवाओं को राज्य में मजबूरी में वापस लौटना पड़ा है। कोई भी आज कमा नहीं पा रहे हैं। लेकिन लोगों को राहत देने के बजाय सरकार अपना राजस्व वसूलने में लगी है।पानी और बिजली के बिलों पर राहत देने के बजाय बिजली के दाम बढ़ा दिए हैं। शायद यही प्रधानमंत्री का आपदा में अवसर वाले सूत्र का अर्थ है। यह बहुत शर्मनाक है कि जब जनता त्राहि त्राहि कर रही है तब सरकार जिम्मेदारी लेने के बजाय जनता पर महंगाई थोप रही है और मजदूर कामगार बेरोजगारों को भुखमरी के संकट की ओर धकेल दिया गया है। इससे बैकलॉग के हज़ारों रिक्त पड़े पदों पर भर्ती कर, बेरोजगारों को रोजगार देकर और महंगाई को कम करके निपटा जा सकता था लेकिन यह करने के बजाय सरकार हवाई दावे और जुमलेबाजी कर रही है।
हल्द्वानी की जनता को महंगाई और बेरोजगारी के साथ साथ अवैध ट्रंचिंग ग्राउंड के प्रदूषण का अतिरिक्त तोहफा भाजपा सरकार ने दे दिया है जिसके कारण लाखों लोगों का जीवन संकट में पड़ गया है।
प्रदर्शनकारियों ने चेताया कि अगर उनकी लंबित मांगों का जल्द ही निस्तारण नहीं किया जाता है तो वे उग्र आंदेलन करेंगे। मांग की है कि सरकार आमजन के लिए राहत पैकेज जारी करे। कहा सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर जल्द से जल्द भर्ती की जाए। विरोध करने वालों में जिलाध्यक्ष भीम आर्मी नफीस अहमद खान, मंडल अध्यक्ष सिराज अहमद, जिलाध्यक्ष आसपा मनीष गौतम, मोहन लाल आर्य, कैलाश चन्द्र, मोहम्मद फैसल, इरशाद अहमद आदि मौजूद थे।