सड़क हादसे में बेटे की मौत, मुकदमे के लिए भटकता रहा पिता , मित्र पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया

हल्द्वानी । उत्तराखंड मित्र पुलिस जनता की कितनी मित्र है कि फरियादी की रिपोर्ट तक नहीं लिखी जाती ,धक्केमार कर थाने से बाहर किया जाता है । प्रचार किया जाता है कि उत्तराखंड मित्र पुलिस जनता की सेवा में हमेशा तत्पर रहती है ,जब शिकायत की दर्ज नहीं करती मित्र पुलिस तो क्या सेवा करेगी ।
पिछले साल सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई। घटना का गवाह भी थी, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। बेटे की मौत से आहत पिता कोतवाली पुलिस से लेकर एसएसपी तक के चक्कर काटता रहा और अंत में उसे कोर्ट की शरण में जाना पड़ा। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 10 माह बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज किया।
रैनगांव बारकोट चम्पावत निवासी दलीप सिंह पुत्र सुर सिंह ने एसीजेएम को दी शिकायत में लिखा, पिछले वर्ष 14 अप्रैल को उनका बेटा सूरज अधिकारी अपने वाहन से ड्यूटी जा रहा था। डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय के पीछे शहर से देवलचौड़ की ओर जा रही स्कूटी सवार ने गलत दिशा से आकर टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल सूरज को डॉ.सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां 17 अप्रैल को उसकी मौत हो गई।
आरोप है कि बेटे की मौत के बाद दलीप ने कोतवाली पुलिस से शिकायत की। कार्रवाई नहीं हुई तो उन्होंने एसएसपी को शिकायत दी। जिसके बाद दलीप को एक दरोगा ने बुला कर थाने में बैठा दिया, लेकिन मुकदमा फिर भी दर्ज नहीं किया। जिसके बाद वह कोर्ट की शरण में पहुंचे। आरोप है कि स्कूटी आनंदबाग तल्ला गोरखपुर निवासी रोहित उर्फ राजेश्वर पुत्र मनोज अधिकारी चला रहा था, जिसका एक गवाह भी है। कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।