कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि के भाई सचिन को एसटीएफ ने दबोचा, करता था शूटरों का इंतजाम और लोगों से मांगता था रंगदारी

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देहरादून । टिहरी जेल में बंद कुख्यात नरेंद्र वाल्मीकि के भाई सचिन वाल्मीकि को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। नरेंद्र वाल्मीकि ने पौड़ी जेल से तीन लोगों को मारने की सुपारी ली थी। सचिन पर आरोप है कि उसने बिहार और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई शूटरों को हत्या के लिए बुलाया था। इस मामले में लगभग सभी शूटर पकड़े जा चुके हैं। एसटीएफ के अनुसार सचिन इन्हीं की जमानत के लिए वेष बदलकर दून आया था, जिसे आशारोड़ी के पास से पकड़ लिया गया। इसके कब्जे से देसी तमंचा और कारतूस बरामद हुए हैं।
एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि नरेंद्र वाल्मीकि ने पौड़ी जेल में एक लड़की और अपने मुकदमे में गवाह समेत तीन लोगों को मारने की सुपारी ली थी। एसटीएफ को जब इस बात का पता चला तो गत 31 अक्तूबर को पुलिस ने क्लेमेंटटाउन थाना क्षेत्र से तीन शूटरों नीरज पंडित निवासी फरीदाबाद, सचिन निवासी सोरम पट्टी, मुजफ्फरनगर और अंकित निवासी सलारपुर, सहारनपुर को गिरफ्तार कयि गया था। यह सब यहीं पर रुकने वाले थे और फिर हत्या के लिए सभी को हरिद्वार व रुड़की जाना था।

नरेंद्र के जेल जाने के बाद सचिन के हाथों में वाल्मीकि गैंग की कमान आई थी। सचिन का काम शूटर बुलाना, रंगदारी मांगना और लोगों से रकम इकट्ठा करना था। मंगलवार रात को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सचिन इन सभी शूटरों की जमानत के लिए देहरादून पहुंच रहा है। लिहाजा, एसटीएफ ने जाल बिछाया और क्लेमेंटटाउन पुलिस के साथ उसे आशारोड़ी चेकपोस्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। उसके पास से 315 बोर का तमंचा व कारतूस बरामद हुए। सचिन ने नीरज त्यागी व राजकुमार त्यागी से एक महिला व उसके पति की हत्या के लिए चार लाख रुपये लिए थे।

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