जिला अस्पताल पिथौरागढ़ की स्वास्थ सेवाएं रामभरोसे
पिथौरागढ़। सीमांत जिले के अस्पताल संसाधनों के अभाव में कराह रहे हैं। हालात यह हैं कि अस्पताल में मरीजों की लंबी लाइनें लगी हैं। अस्पताल की गैलरी और बरामदों में मरीजों का उपचार चल है। बावजूद इसके अस्पतालों का कोई सुधलेवा नहीं है।
पिथौरागढ़ के सबसे बड़े जिला अस्पताल में प्रतिदिन 650 से 750 से अधिक ओपीडी हो रही है। स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल में ईएनटी सर्जन आपातकालीन कक्ष में रोगियों की लंबी लाइन लगी रहती है। जिला अस्पताल में सीमांत जिले के आठों विकासखंडों के अलावा नेपाल से बड़ी संख्या में रोगी आते हैं।
अस्पताल के बरामदे में चल रहा है रोगियों का उपचार
कुछ समय पूर्व जिला अस्पताल में वार्डों का विस्तार कर वार्ड बढ़ाए गए थे लेकिन कोरोना महामारी के चलते जिला अस्पताल की तीसरी मंजिल में कोविड रोगियों के लिए वार्ड बना दिया गया था। इस कारण व्यवस्था पटरी से उतर गई हैं। वर्तमान में जिले में 120 बेड मौजूद हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने बरामदे और अन्य खाली स्थानों में शैय्या लगाकर वार्ड बनाए गए हैं। आलम ये है कि लगातार बढ़ रही ठंड और बारिश के बीच अस्पताल में भर्ती रोगी बरामदे में रात काटने को मजबूर हैं।
आईसीयू के संचालन के लिए नहीं मिला बजट
पिथौरागढ़। जिला अस्पताल में कुछ समय पूर्व हंस फाउंडेशन के सहयोग आईसीयू का निर्माण किया है। आईसीयू का शुभारंभ तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था। उन्होंने उस समय शीघ्र आईसीयू के संचालन के लिए अलग से स्टाफ की नियुक्ति करने और अन्य चिकित्सकों के रिक्त पद भरने की घोषणा की थी लेकिन ये घोषणा धरातल पर नहीं उतर पाई है।