स्वस्थ रहने के लिए लें 10 संकल्प
कैसे करें संकल्प पूरा
-एक साथ पांच-छह संकल्प मत लीजिए। केवल एक संकल्प लें और उसे पूरा करने का प्रयास करें।
-पहले से ही अपना संकल्प तैयार कर लें, ताकि आपको अपने लक्ष्य के बारे में सोचने और उसे प्राप्त करने का समय मिल जाए।
-पिछले वर्ष का ही संकल्प मत दोहराएं। अगर आप उसे ही चुनते हैं तो कम-से-कम उसे प्राप्त करने की अलग तकनीक चुनें।
-संकल्प और उसे पूरा करने के तरीके को अपनी डायरी में लिख लें।
-संकल्प पूरा करने पर आप अपने लिए कोई पुरस्कार निर्धारित कर लें। यह आपको चीजों पर अधिक फोकस करने के लिए प्रेरणा देगा।
-संकल्प को अवास्तविक तरीके से पूरा करने का न सोचें।
3 साल उम्र बढ़ाए 15 मिनट व्यायाम
-70 प्रतिशत लोग साल के शुरू होने पर कोई न कोई संकल्प लेते हैं, जिनमें स्वास्थ्य संबंधी संकल्प ही सबसे अधिक होते हैं।
-10 प्रतिशत आबादी मोटापे की शिकार है, दुनियाभर में विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार।
-6 से 8 घंटे का समय जरूर निकालें सोने के लिए और इसके लिए संकल्प करें।
-2008 में हुए शोध में यह बात सामने आई है कि ध्यान तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है।
नहाने के कुछ पहले एक गिलास सादा पानी पियें। यह हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बहुत हद तक दूर रखेगा। -भोजन के प्रारम्भ में मीठा, बीच में खट्टा, नमकीन तथा आखिर में तीखा, चटपटा, कसेला रस के पदार्थों का सेवन करना चाहिए। – पेट बाहर निकलने का सबसे बड़ा कारण खड़े होकर या कुर्सी मेज पर बैठ कर खाना और तुरंत बाद पानी पीना है।( महेश नाथ- योगी)
खुद को स्वस्थ रखने के लिए हम बहुत कुछ करना चाहते हैं, लेकिन कर नहीं पाते। इस साल हम अपनी सेहत के लिए 10 प्रण क्यों न लें, जिसका पालन पूरी ईमानदारी से करें।
नया साल आते ही हम मन ही मन कुछ संकल्प लेने लगते हैं कि आने वाले साल में अपना वजन कम करेंगे, अपनी फिटनेस पर ध्यान देंगे, धूम्रपान या शराब छोड़ेंगे या अधिक पोषक भोजन का सेवन करेंगे आदि। एक अनुमान के अनुसार विश्व की कुल जनसंख्या के 70 प्रतिशत लोग साल के शुरू होने पर कोई न कोई संकल्प लेते हैं। इनमें स्वास्थ्य संबंधी संकल्प ही सबसे अधिक होते हैं, लेकिन बहुत ही कम लोग अपने संकल्पों को पूरा कर पाते हैं। कोशिश करें कि इस साल आप जो भी संकल्प लें, उन्हें जरूर पूरा करें।
तनाव के नकारात्मक प्रभाव
तनाव के कारण शरीर में कई हार्माेनों का स्तर बढ़ जाता है, जिनमें एड्रीनलीन और कार्टिसोल प्रमुख हैं। इनकी वजह से दिल का तेजी से धड़कना, पाचन क्रिया का मंद पड़ जाना, रक्त का प्रवाह प्रभावित होना, नर्वस सिस्टम की कार्यप्रणाली गड़बड़ा जाना और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
जानलेवा मोटापे से बचें
मोटापे का अर्थ है शरीर में आवश्यकता से अधिक चर्बी बढ़ने से शरीर का बेडौल हो जाना। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोटापे को स्वास्थ्य के लिए सर्वाधिक 10 खतरों में शामिल किया है। आंकड़ों के अनुसार 10 प्रतिशत आबादी मोटापे की शिकार है।
मोटापे के नुकसान
मोटापा अपने आपमें कोई रोग नहीं, लेकिन यह कई रोगों को न्योता देने का कारण अवश्य है। इनमें प्रमुख हैं डायबिटीज, हाइपरटेंशन, हार्ट फेलियर, अत्यधिक पसीना आना, जोड़ों में दर्द और बांझपन। इससे बचे रहकर स्वस्थ व युवा नजर आएंगे।
नियमित दिनचर्या अपनाएं
अपने सोने-जागने का एक नियमित चक्र बनाएं। अगर हर दिन एक निश्चित समय पर सोएंगे और जागेंगे, आप अधिक ऊर्जावान और तरोताजा अनुभव करेंगे। अगर आप अपने स्लीप पैटर्न को बदलना चाहते हैं तो धीरे-धीरे 15 मिनट का बदलाव करके बदलें। इसी तरह से खाने का भी एक नियत समय बना लें, जिससे आपका शरीर उस समय तक ऊर्जा का स्तर बनाए रखने का आदी हो जाएगा।
एक्सरसाइज की आदत डालें
आज की तेज रफ्तार जिंदगी से तालमेल बैठाने के लिए स्वस्थ और ऊर्जा से भरपूर होना जरूरी है। इसके लिए एक्सरसाइज से बेहतर क्या हो सकता है। इससे न सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में सहायता मिलती है, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है। ‘लैनसेट’ में प्रकाशित एक खबर के अनुसार हर दिन केवल 15 मिनट की एक्सरसाइज भी आपके जीवनकाल को 3 साल बढ़ा सकती है।
भोजन रखे निरोग
एक पुरानी कहावत है कि भोजन को ही दवा बना लें। अगर आप नियमित रूप से संतुलित और पोषक भोजन का सेवन करेंगे तो न केवल बीमारियों से बचेंगे, बल्कि स्वस्थ और ऊर्जावान भी बने रहेंगे। अपने भोजन में फल, सब्जियों, साबुत अनाज और तरल पदार्थाे को उचित मात्र में शामिल करें। दिन में तीन बार मेगा मील खाने की बजाए छह बार मिनी मील खाएं।
नींद कितनी जरूरी
विशेषज्ञ कहते हैं कि हमें कम से कम छह से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। हर व्यक्ति के शरीर में नींद की बायोलॉजिकल क्लॉक होती है। जब यह क्लॉक असंतुलित होती है तो परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे तनाव, कोई शारीरिक या मानसिक समस्या।
रिश्तों को दें नई ताजगी
अच्छे खुशहाल रिश्ते हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। हाल ही में किए एक शोध में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों का सामाजिक जीवन जितना सक्रिय होता है, वो उतने ही खुशहाल होते हैं। सामाजिक रूप से सक्रिय रहना अवसाद और तनाव से दूर रखता है। अपने बच्चों के साथ बैठें और उनसे दिन के बारे में चर्चा करें। परिवार के साथ डिनर या पिकनिक पर जाएं।
नाश्ता करने की आदत डालें
आपको अपने दिन की शुरुआत करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ब्रेकफास्ट आपके शरीर को सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा उपलब्ध कराता है। ब्रेकफास्ट को हमारे दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है। सुबह ब्रेकफास्ट के लिए समय नहीं मिलता तो ट्रेन, बस या अपनी गाड़ी में रास्ते में खा सकते हैं।
ध्यान लगाएं
ध्यान को मस्तिष्क की खुराक कहा जाता है। ध्यान एक साधारण, लेकिन शक्तिशाली तकनीक है, जो आपके मस्तिष्क को शांत और स्थिर रखती है। आपको सिर्फ यह करना है कि आप अपनी आंखें बंद करके बैठ जाएं और गहरा आराम अनुभव करें। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होगी, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति से आप मन को काबू में कर लेंगे।
ध्यान से लाभ
कई अध्ययनों में यह बात भी सामने आई है कि ध्यान एलर्जी, उत्तेजना, अस्थमा, कैंसर, थकान, हृदय संबंधी बीमारियों, हाई ब्लड प्रेशर, अनिद्रा में आराम मिलता है। हमारी कई बीमारियां मनोवैज्ञानिक होती हैं। इनसे भी बचाव करने में ध्यान हमारी काफी सहायता करता है।
वार्षिक हेल्थ चेकअप कराएं
हमारे देश में लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का इतना अभाव है कि अधिकतर लोग स्वस्थ्य दिखने पर तो क्या बीमारी के लक्षण नजर आने पर भी चौकअप के लिए नहीं जाते, जब तक कि हालात नियंत्रण से बाहर न हो जाएं। मेडिकल टैस्ट जरूरी हैं, ताकि लक्षण नजर आने से पहले उनकी पहचान हो सके।
हेल्थ चेकअप के लाभ
अधिकतर लोग सोचते हैं कि वो पूरी तरह फिट और स्वस्थ हैं। उनके साथ कुछ गड़बड़ नहीं है। उनके लिए हेल्थ चेक-अप समय और पैसे की बर्बादी से ज्यादा कुछ नहीं है। कई गंभीर बीमारियों के लक्षण प्रथम चरण में नजर नहीं आते। मेडिकल टैस्ट जरूरी हैं, ताकि बीमारियों की पहचान समय रहते कर ली जाए या कई बीमारियों की आशंका को जीवन शैली में बदलाव, खानपान पर नियंत्रण और हल्की एक्सरसाइज द्वारा ही खत्म किया जा सके। इसलिए रूटीन चेकअप अवश्य कराएं।