बागेश्वर में नशे के सौदागरों का अड्डा बना टैक्सी स्टैंड

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15 से 20 साल के बच्चों से लेकर ३५ साल के युवा तक इसकी गिरफ्त में हैं।नगर क्षेत्र से लेकर गांवों तक नशे का जाल फैलता जा रहा है। इस काले कारोबार के सरगना अपना धंधा चमकाने में है। पुलिस प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में असमर्थ साबित हो रही है।पारिवारिक जीवन, दोस्ती एवं कीमती समय को लील जाने वाली ये लत 15 से 20 साल की उम्र के बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी को खोखला कर रही है।
जिला नगर बागेश्वर में नशें के कारोबारियों के लिए चरस काला सोना साबित हो रहा है।कम समय में ही करोड़पति एवं भव्य बंगलों के मालिक बन गए नशे के सौदागर युवा पीढ़ी का भविष्य खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

बागेश्वर ।ं जनपद में नशीले पदार्थों का काला कारोबार भावी पीढ़ियों को बर्बाद कर रहा है। नगर में स्थिति विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत किशोर छात्रों के अभिभावकों ने कई बार जिला प्रशासन व पुलिस से गुहार लगाई कि पिंडारी रोड ,कांडा रोड ,ताकुला रोड व गरूड़ टैक्सी स्टैंड के पास चाय व ढांवों में धड़ेल्ले से नशे का करोबार फल फूल रहा है।इन नशे के कारोबारियों का तारगेट स्कूल में पढ़ रहे किशोर छात्रों पर है। उन्हें पहिले नशें के लत में धकेलते है फिर उन्हीं से नशें का द्यंद्या कराने के लिए मजबूर करते है, पुलिस प्रशासन जरनते हुए भी चुप बैठी हुई है ।जानकार सूत्रों से ज्ञात हुआ कि 15 से 20 साल के बच्चों से लेकर ३५ साल के युवा तक इसकी गिरफ्त में हैं।नगर क्षेत्र से लेकर गांवों तक नशे का जाल फैलता जा रहा है। इस काले कारोबार के सरगना अपना धंधा चमकाने में है। पुलिस प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में असमर्थ साबित हो रहा है।पारिवारिक जीवन, दोस्ती एवं कीमती समय को लील जाने वाली ये लत १5 से 20 साल की उम्र के बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी को खोखला कर रही है।
जिला नगर बागेश्वर में नशें के कारोबारियों के लिए चरस काला सोना साबित हो रहा है।कम समय में ही करोड़पति एवं भव्य बंगलों के मालिक बन गए नशे के सौदागर युवा पीढ़ी का भविष्य खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इनके निशाने पर मुख्यतः शिक्षण संस्थान, कोचिंग इंस्टीट्यूट में जाने वाले बच्चे रहते हैं नशें के लत में फंसे अधिकतर ऊंचे घराने के के बच्चे है जो इनके सबसे आसान शिकार होते हैं।शुरूआत में ये मुफ्त में 15 साल से ऊपर के बच्चों एवं युवाओं को नशे का आदी बनाते हैं फिर लत लग जाने के बाद ये नशेड़ी मनमाने दामों पर खरीदने को मजबूर हो जाते हैं।कई युवा पैसे के लिए अपराध पर उतर आए। झूठ बोलना, पैसे चुराना, हत्या तक का प्रयास करने के लिए तैयार हो जाते है।
बागेश्वर में स्मैक के मामले तो नहीं हैं, लेकिन जानकरों के मुताबिक चरस यहां खूब बिकती है। पुलिस अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं कि जिले में चरस और अफीम बिक रही है।युवा एसपी बागेश्वर ने नशे विशेष रूप से चरस और स्मैक के खिलाफ मुहिम चला रखी है। इसमें आशातीत सफलता भी मिली है।एसपी बागेश्वर ने कहा कि पुलिस तो सिर्फ क्रिमनल को पकड़ सकती है। समाज के प्रभावशाली लोगों और बच्चों के अभिभावकों को भी नशे के विरुद्ध आगे आना होगा।
जानकार सूत्रों से ज्ञात हुआ कि बागेश्वर नगर क्षेत्र में नशें के करोबारियों का अड्डा पिंडारी रोड के टैंक्सी स्टैन्ड के पास , कांडा रोड के टैक्सी स्टैंन्ड वही ताकुला रोड में मुख्य अड्डा है ।बीते कुछ दिन पहिले पुलिस ने पिंण्डारी रोड टैक्सी स्टैन्ड के पास बने ढाबों पर छापा मारा वहां पर वही ढाबा बंद मिला ,हो सकता है किसी मुखबीर ने पुलिस की कार्यवाही की सूचना नशा करोबारी को दे दी हो । इसके अलावा नवयुवक टैक्सी स्टैंड से चरस का द्यंद्या करते है और माल को हल्द्वानी पहुंचाने के लिए यात्रीबनकर चलते है माल को ठिकाने लगाकर रात को ही वापस अपने मंजिल को लौट आते है ं जानकार सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि इसमें बैजनाथ पुलिस की मिलीभगत होने का आरोप लगा है। इसके अलावा ताकुला रोड में वही झिरौली में भी यही वजह है जिसे मसफिया बैखौफ होकर चलते है।

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