जलभराव से दो विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद ,बाढ़ का पानी उतरा तो गंदगी और कीचड़ ने बढ़ाई परेशानी

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बाजपुर/केलाखेड़ा। बाढ़ से विद्यालयों में हुआ जलभराव बच्चों और शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बना है। स्कूल परिसर में जलभराव के कारण क्षेत्र में एक इंटर कॉलेज सहित दो विद्यालयों में शिक्षण कार्य बंद रहा। केलाखेड़ा के जीआईसी परिसर में भारी जलभराव हो गया। शिक्षक भी दीवार फांद कर वहां पहुंचे। इसलिए शनिवार को कई बच्चों को गेट से वापस भेज दिया गया। कमोबेश यही हाल गांव राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल चकरपुर का भी है। बीईओ भास्करानंद पांडेय ने बताया कि जलभराव के कारण शनिवार को जीआईसी केलाखेड़ा और जूनियर हाईस्कूूल चकरपुर में शिक्षण कार्य बंद रहा।.

गंदगी और कीचड़ से परेशान हैं। ऐसे में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। लेवड़ा नदी में दो दिन तक बाढ़ की स्थिति रही जिससे चकरपुर गांव झील जैसा बन गया। लोगों के घरों में पानी घुस गया। इस कारण कई लोगों का अनाज समेत सभी सामान खराब हो गया। अब लेवड़ा नदी का जलस्तर कम हो गया लेकिन बाढ़ ग्रामीणों के लिए कीचड़ और गंदगी छोड़ गई। जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बना है। ग्रामीण क्षेत्र में मक्खियों और मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। पिछले महीने आई बाढ़ के दौरान जिला प्रभारी मंत्री गणेश जोशी और तत्कालीन डीएम युगल किशोर पंत ने गांव चकरपुर स्थित लेवड़ा पुल का स्थलीय मुआयना किया था। ग्रामीणों ने गांव में लेवड़ा के जर्जर पुल का निर्माण करने और लेवड़ा की रुद्रपुर हाईवे तक सफाई कराने की मांग की थी। वहीं गांव चकरपुर में ढाई करोड़ रुपये की लागत से बना अंडरपास भी लबालब है। इससे ग्रामीणों को शहर आने के लिए दो किमी अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है

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