तीरथ सिंह रावत की विधानसभा सीट पर फिर से मंथन शुरू

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तीरथ सिंह रावत सीएम अपनी संसदीय सीट पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत आने वाली किसी विधानसभा सीट को तरजीह देंगे

देहरादून । तीरथ ने दस मार्च को सीएम पद की शपथ ली थी। पद पर बने रहने को उकना छह माह में विधानसभा के लिए निर्वाचित होना जरूरी है। इस हिसाब से उन्हें 10 सितम्बर से पहले विधायक का चुनाव जीतना होगा। तीरथ सिंह रावत किस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, अब यह जल्द साफ हो जाएगा।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के मुताबिक 15 दिन के बाद पार्टी की चिंतन बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा व मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र को लेकर फैसला हो जाने की संभावना है। संवैधानिक प्रविधान के मुताबिक उन्हें पद संभालने के छह महीने के भीतर विधायक बनना है। यानी विधायक बनने के लिए 10 सितंबर तक का ही वक्त तीरथ के पास है। इसमें से ढाई महीने से ज्यादा समय गुजर चुका है। इसका सीधा मतलब है कि जल्द ही उन्हें विधानसभा चुनाव में जाना होगा।
ज्यादा संभावना इसी बात की है कि वह अपनी संसदीय सीट पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत आने वाली किसी विधानसभा सीट को तरजीह देंगे।पार्टी

सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री तीरथ के लिए यमकेश्वर, चौबट्टाखाल, कोटद्वार विधानसभा सीटों पर चर्चा चल रही है। इनमें से यमकेश्वर सीट से ऋतु खंडूड़ी भूषण विधायक हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की पुत्री हैं। कोटद्वार से कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और चौबट्टाखाल से कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज विधायक हैं।

यमकेश्वर सीट हमेशा भाजपा की झोली में आई है। पहले विजय बड़थ्वाल यहां से तीन बार विधायक रह चुकी हैं। अब पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु विधायक हैं। चूंकि, खंडूड़ी को तीरथ का सियासी गुरु माना जाता है, लिहाजा वे भी इसमें मदद कर सकते हैं। विधायक गोपाल रावत के निधन से गंगोत्री सीट भी रिक्त है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा, वैसे तो पांच विधायक सीएम के लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं। बकौल कौशिक, सीएम के लिए जल्द ही विधानसभा सीट का चयन होगा। तीरथ सिंह रावत गढ़वाल सांसद भी हैं। पार्टी के एक हल्के में यह भी चर्चा है कि जो विधायक सीएम के लिए सीट छोड़ेंगे, उन्हें सांसद का टिकट मिल सकता है।

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