2026 में परिसीमन से बदल जाएगा विधानसभा की सीटों का संतुलन

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2022 के विस चुनाव से तय करेगा दिग्गजों का राजनीतिक भविष्य। अगले विस चुनाव में बदल जाएंगे भौगोलिक और चुनावी समीकरण। 2026 में परिसीमन से बदल जाएगा विधानसभा की सीटों का संतुलन। हल्द्वानी ।

2026 में नए परिसीमन के बाद 2027 में होने वाले चुनाव में 70 विधानसभा सीटों पर कहीं कम तो कहीं ज्यादा भौगोलिक समीकरण प्रभावित होंगे। ये बदलाव सियासी दलों और उनके नेताओं की नई सियासी और चुनावी रणनीति तय करेगा।

:     सियासी और भौगोलिक समीकरणों का आखिरी चुनाव
सियासी बदलाव की दहलीज पर खड़े उत्तराखंड में 2022 का विधानसभा चुनाव भौगोलिक और सामाजिक समीकरणों के लिहाज से आखिरी होगा। 2026 में परिसीमन के बाद राज्य की 70 विधानसभा सीटों के सियासी समीकरण बदलेंगे। साथ ही विकास की प्राथमिकताएं भी बदलेंगी। राजनीतिक पार्टियों और सियासी नेताओं को इस बदलाव के लिहाज से अपनी सियासी रणनीति भी बदलनी होगी। 

उम्रदराज दिग्गजों का आखिरी दांव
2022 के विधानसभा चुनाव उम्रदराज और खांटी राजनीतिज्ञों के लिए आखिरी दांव माना जा रहा है। यह चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगा। कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत, गोविंद सिंह कुंजवाल, दिनेश अग्रवाल, हीरा सिंह बिष्ट, भाजपा के बंशीधर भगत, यूकेडी के दिवाकर भट्ट समेत कई अन्य उम्रदराज नेताओं के लिए यह चुनाव आर या पार वाला माना जा रहा है।

दलकोई भी आएगा नया दौर
सियासी जानकारों का मानना है कि राजनीतिक दल भाजपा हो या कांग्रेस या फिर कोई अन्य दल, सभी में अगले विधानसभा चुनाव तक नया सियासी दौर आएगा। दिग्गज और खांटी नेताओं की पीढ़ी चुनाव हारी तो उनकी जगह नई पीढ़ी के नेता जगह लेंगे। भाजपा और कांग्रेस सरीखे दलों में दूसरी पांत के नेताओं के हाथों में कमान थमाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अनिल बलूनी, गणेश गोदियाल, प्रीतम सिंह सरीखे कई नेता नए ध्रुव होंगे।विज्ञापन

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