अप्रैल में कड़ाके की ठंड फिर लौट आई

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बागेश्वर। कपकोट क्षेत्र केें हिमालय से सटे गांवों की चोटियां हिमपात से सफेद चादर से ढक गई है। कर्मी तक हिमपात हुआ है। इसके अलावा निचले इलाकों में ओलावृष्टि होने से ठंड बढ़ गई है।

आपको बता दें कि शुक्रवार को लोगों ने घरों में अलाव जलाए और ठिठुरन भरी ठंड का मुकाबला किया। भारी बारिश से रबी की फसल के बर्बाद हो गई है। क्योंकि यहां अभी फसल पूरी तरह पकी नहीं है। वहीं जिले के गरुड़, बागेश्वर, कांडा, काफलीगैर में बीती गुरुवार की रात से अनवरत बारिश हो रही है । स्थानीय लोगों के अनुसार अप्रैल में नवंबर जैसी ठंड पड़ रही है। पोथिग गांव निवासी हिमांशु ने बताया कि ओलावृष्टि के कारण फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। गरम कपड़े फिर से निकालने पड़े हैं। ब्लॉक प्रमुख कपकोट गोविद दानू ने कहा कि चिल्ठा माई मंदिर कर्मी में जमकर हिमपात हो रहा है। उच्च हिमालय से सटे गांव खाती, बाछम, समडर, जांतोली, खरकिया, बदियाकोट, कुंवारी आदि स्थानों पर कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

गरुड़ बाजार में सड़क दयनीय गरुड़रू बाजार की मुख्य सड़क वर्षों से खस्ताहाल है। सड़क पर बने गड्ढे जानलेवा बने हुए हैं। लंबे समय से बारिश न होने से पहले व्यापारी व लोग धूल से परेशान रहे। अब दो दिन से बारिश होने से सड़क पर बने गड्ढों में पानी भर गया है। इससे मुसीबत और भी बढ़ गई है। मोटर मार्गो पर डामरीकरण नहीं हुआ है। राहगीरों, ग्राहकों व यात्रियों के साथ ही व्यापारियों को भी दिक्कत हो रही है। गड्ढों में रपटकर कई दोपहिया वाहन घायल हो चुके हैं। स्थानीय लोगों ने शीघ्र सड़क के गड्ढों को भरने व डामरीकरण करने की मांग की है।

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