योगी के चुनाव लड़ने से पूर्वांचल की सीटों पर असर होगा? जनता ने बताया सच

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को उनकी कर्मभूमि गोरखपुर से चुनाव मैदान में उतारकर बीजेपी ने कई समीकरण साधने की कोशिश की है? बीजेपी के लिए अयोध्या, काशी और मथुरा से ज्यादा पूर्वांचल के 15 जिलों का सियासी समीकरण अहम है क्योंकि यहां तकरीबन 130 विधानसभा सीटें हैं, जो सत्ता तक पहुंचने का सीधा रास्ता है.

पांच साल पहले भी पूर्वांचल की जनता ने उम्मीद से ज्यादा सीटें देकर योगी की झोली भर दी थी, लेकिन इस बार वहां बीजेपी के विरोधी दल ज्यादा मजबूती से सक्रिय हैं, इसलिये पार्टी ने हर तरह के नफे-नुकसान का आकलन करने के बाद ही योगी को गोरखपुर से चुनाव लड़ाने का फैसला किया है. पार्टी नेताओं की सोच थी कि अयोध्या, मथुरा और काशी से जिसे भी उम्मीदवार बनाया जायेगा,लेकिन पूर्वांचल के मजबूत किले को बचाये रखना ज्यादा जरूरी है. पार्टी सोच रही थी कि योगी को गोरखपुर से लड़ाकर इन जिलों में पार्टी की स्थिति और मजबूत की जाए, जहां सपा बड़ी ताकत बनकर उभर रही है.

इस सवाल के जवाब में जनता का रिएक्शन पॉजिटिव है. 49 फीसदी लोगों ने इस सवाल का जवाब हां में दिया है. इन लोगों का कहना है कि योगी के चुनाव लड़ने से पूर्वांचल की सीटों पर असर पड़ेगा.  धीरज कुमार

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