उत्तराखंड में सत्यापन अभियान का आंकड़ा सामने आया, सर्वाधिक संदिग्धों की घुसपैठ नैनीताल, ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार व देहरादून में

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21 अप्रैल से प्रदेश में रोहिंग्याओं व अन्य संदिग्धों की तलाश में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया था। 10 दिन तक चला अभियान एक मई को पूरा होने पर पुलिस ने रिपोर्ट जारी कर दी है। जिसमें 3526 संदिग्धों की घुसपैठ मिली। 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

रोहिंग्याओं व संदिग्धों की तलाश कर रही पुलिस को ऊधमसिंह नगर में 1439 व नैनीताल जिले में 359 संदिग्ध मिले हैं। सबसे अधिक 985 संदिग्ध राजधानी देहरादून में मिले हैं। सभी संदिग्धों की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेज दी गई है। 10 दिन तक चले सघन अभियान में पुलिस राज्य से 10 संदिग्धों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

21 अप्रैल से प्रदेश में रोहिंग्याओं व अन्य संदिग्धों की तलाश में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया था। 10 दिन तक चला अभियान एक मई को पूरा होने पर पुलिस ने रिपोर्ट जारी कर दी है। पुलिस मुख्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 67,858 रेहड़ी, ठेली वालों व किरायेदारों का भौतिक सत्यापन किया गया। जिसमें 2526 संदिग्धों की घुसपैठ मिली। 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य संदिग्धों के विरुद्ध पुलिस नियमानुसार कार्रवाई की तैयारी कर रही है। प्रदेश में शरण ले चुके अधिकांश संदिग्ध ठेली लगाकर गुजर-बसर करते मिले 

कुमाऊं में 2219 संदिग्ध, गिरफ्तारी नहीं

कुमाऊं के छह जिलों में पुलिस को 1219 लोग संदिग्ध मिले हैं। ये लोग रेहड़ी, ठेली या फेरी लगाकर शहरों में रह रहे हैं, मगर सत्यापन नहीं कराया है। इसी तरह गढ़वाल मंडल में 1307 संदिग्ध चिह्नित किए गए हैं। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार देहरादून में सबसे अधिक संदिग्ध पाए गए हैं। यहां 10 दिन में 11352 लोगों के सत्यापन हुए। जिसमें 985 संदिग्ध मिले।

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