धामी सरकार ने अब केंद्र पोषित योजनाओं पर प्रमुखता से फोकस करने का फैसला लिया

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देहरादून । राज्य सरकार ने केंद्र पोषित योजना व राज्य योजना के प्रस्ताव बनाने की रणनीति बनाने की आवश्यकता जताई है। वाह्य सहायतित प्राप्त परियोजनाओं के लिए एक निश्चित धनराशि की सीमा निर्धारित कर दी गई है।
वाह्य सहायतित योजना के लिए सीलिंग तय होने के बाद अब राज्य सरकार को इन हजारों करोड़ की परियोजनाओं के बाहर होने का अंदेशा है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने अब केंद्र पोषित और राज्य योजना पर प्रमुखता से फोकस करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार अगले पांच से 10 साल के लिए पूंजी निवेश का रोडमैप तैयार करने जा रही है।
विभागों से बेहतर रिटर्न वाले 100 करोड़ से अधिक की पूंजी निवेश के प्रस्ताव तीन दिन में मांगे गए हैं। अपर मुख्य सचिव (वित्त) आनंद बर्द्धन ने सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों व प्रभारी सचिवों को इस संबंध में पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि हाल ही में वाह्य सहायतित प्राप्त परियोजनाओं के लिए एक निश्चित धनराशि की सीमा निर्धारित कर दी गई है इस कारण कई परियोजनाएं बाहर ही हैं। इन परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने में असुविधा हो रही है। राज्य सरकार ने केंद्र पोषित योजना व राज्य योजना के प्रस्ताव बनाने की रणनीति बनाने की आवश्यकता जताई है।
पत्र में कहा गया है कि उन परियोजनाओं के प्रस्ताव भी विभाग भेज सकते हैं, जिनकी डीपीआर तैयार हो चुकी है लेकिन धनराशि की व्यवस्था नहीं हुई है। पूंजीगत निवेश में ज्यादा से ज्यादा खर्च करने के लिए भविष्य में उपलब्ध होने वाले ईएपी की धनराशि की सीमा को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है। इस मामले में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक होगी।

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