कई परिवारों के सपने बिखर गये केवल अब उनकी यादें उनका बिखरा सामान रह गया
सल्ट ( अल्मोड़ा ) । मरचूला क्षेत्र में चार नवंबर को हुए बस हादसे में कई परिवारों की खुशियों के जहां उजड़ गए। अब ऐसे लोगों के परिजन हादसे के वक्त मौके पर बिखरे उनके जरूरी सामान को यादों के तौर पर समेटकर घर ले जा रहे हैं।े
मरचूला क्षेत्र में चार नवंबर को हुए बस हादसे में कई परिवारों की खुशियों के जहां उजड़ गए। अब ऐसे लोगों के परिजन हादसे के वक्त मौके पर बिखरे उनके जरूरी सामान को यादों के तौर पर समेटकर घर ले जा रहे हैं। ये सामान पुलिसकर्मियों की ओर से एकत्र कर मरचूला पुलिस पिकेट पर रखा गया है।
चार नवंबर की सुबह सवारियों से भरी एक बस कूपी बैंड के पास हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 27 घायल हो गए थे। हादसे के बाद शवों के साथ बिखरा सामान पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल से एकत्र कर मरचूला पुलिस पिकेट में रख दिया है। पिछले तीन दिनों से ऐसे लोग जिनके अपने इस हादसे में काल के गाल में समा गए हैं या घायल होकर अस्पतालों और घरों में इलाज करवा रहे हैं, उनके खोए हुए सामान को तलाशते हुए परिजन पुलिस पिकेट पर आ रहे हैं और पहचान बताकर ले जा रहे हैं। यहां तैनात प्रधान आरक्षी दीपक कुमार ने बताया कि एक युवक इस हादसे में खो गए अपने भाई का बैग लेने आया। वह बैग को पकड़कर घंटों तक पिकेट में ही बैठा रोता रहा।
पीरूमदारा की एक महिला की हादसे में मौत हो गई थी। महिला के परिजन उसका मंगलसूत्र और अन्य सामान पहचान कर ले गए। उनका भी यह कहना था कि अब उनकी यादों के सहारे ही जीवन कटेगा। ऐसे ही एक बुजुर्ग अपने बेटे का स्कूली बैग लेने के लिए पहुंचे थे। वह बैग को हाथों में पकड़कर लड़खड़ाकर गिर पड़ा। वह रो-रोकर कहते रहे कि इतनी कम उम्र में उन्हें छोड़कर क्यों चला गया। यह मंजर हर रोज पुलिस पिकेट पर देखने को मिल रहा है और लोगों को भावुक कर रहे हैं।