पर्वतारोहियों का खोजी दल ने 16 साल पुराने लापता दल के सदस्य का शव मिला
स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय सेना ने पर्वतारोहियों का खोजी दल गंगोत्री पार्क की दूसरी सबसे बड़ी चोटी की खोज यात्रा पर भेजा था, जहां 16 साल पुराने लापता दल के सदस्य का शव मिला, ऐसा माना जा रहा है.
देहरादून. गंगोत्री नेशनल पार्क की एक पर्वत चोटी की ऊंचाई नापने के लिए गए आर्मी के जवानों के एक दल के सामने एक हैरतअंगेज़ घटना पेश आई, जब गुरुवार को उन्हें पहाड़ों में एक सालों पुराना शव मिला. इस शव के बारे में कहा जा रहा है कि 2005 में इसी चोटी की ऊंचाई नापने के लिए जो दल आया था, उन्हीं में से एक का शव हो सकता है क्योंकि उस वक्त कुछ पर्वतारोही लापता हो गए थे. राज्य में गढ़वाल अंचल में स्थित हिमालय रेंज के बीच गंगोत्री नेशनल पार्क की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है सतोपंथ, जिसकी ऊंचाई 7075 मीटर मानी जाती है. यहां सेना का एक खोज दल आया हुआ था.
बॉर्डर ज़िले उत्तरकाशी में भारतीय सेना के बेस के कुछ जवान खोज दल के दौरान इसलिए पहुंचे थे क्योंकि यह अभियान स्वर्णिम विजय वर्ष के उत्सव से जुड़े कार्यक्रम के तहत चलाया जा रहा था. इसी दौरान इन्हें एक पर्वतारोही का शव मिला. सेना के एक अफसर के हवाले से एचटी ने अपनी खबर में लिखा कि जवानों के दल ने शव के अवशेष लिये और गुरुवार को उन्हें गंगोत्री बेस पर लेकर आए.
क्या आर्मी के जवान का ही है शव?
पहचान गोपनीय रखते हुए सेना के अफसर के हवाले से खबर में कहा गया, ‘पर्वत चोटी की ऊंचाई नापने के लिए 12 सितंबर को एक खोजी दल रवाना हुआ था, जिसमें 25 जवान थे. जब ये दल कठिन मौसम में पहाड़ी रास्तों गुज़र रहा था, तब एक शव मिला. हमें लगता है कि 2005 में सेना का ही जो एक दल चोटी को नापने के लिए गया था, यह शव उन्हीं में से किसी पर्वतारोही का हो सकता है. हालांकि अभी हम इसकी शिनाख्त नहीं कर सके हैं.’,इसी अफसर ने यह भी कहा कि फिलहाल शव पुलिस को सौंपा गया है. इधर, उत्तरकाशी के एसपी मणिकांत मिश्रा ने पुष्टि करते हुए बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और डीएनए टेस्ट भी किया जाएगा और उसके नतीजों के बाद आगे की कार्रवाई होगी. सेना ने कहा है कि अगर यह कन्फर्म हो जाता है कि शव सेना के लापता जवान का ही था, तो उसके परिवार को पूरे सैन्य सम्मान के घ्साथ शव सौंप दिया जाएगा.