90 लाख की धनराशि खर्च, धरातल पर नहीं दिख् रहे कार्य, भ्रष्ट अभियंताओं पर भाजपा के नेताओं की छत्रछाया

ख़बर शेयर करें

मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से जिला पंचायत को इस संबंध में 100 से अधिक पत्र जारी किए जा चुके हैं।
वसूली रोकने के लिए राजनीतिक दबाव
धनराशि आवंटित होने के बावजूद कार्य न करने वाले अवर अभियंताओं पर वसूली न किए जाने के लिए संबंधित अधिकारी पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि स्थानीय विधायकों सहित कई मंत्रियों ने भी आरसी (वसूली नोटिस) न काटे जाने के लिए संबंधित विभाग को कहा है।

धनराशि आवंटित होने के बावजूद कार्य न करने वाले अवर अभियंताओं पर वसूली न किए जाने के लिए संबंधित अधिकारी पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है।

उत्तरकाशी । विधायक निधि के करीब 90 लाख के कार्यों को लेकर जिला पंचायत एक बार फिर विवादों में है। मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से धनराशि मिलने के बाद भी जिला पंचायत कार्यों के धरातल पर होने की जानकारी नहीं दे रहा है। अब मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय ने जिला पंचायत के छह अवर अभियंताओं को रिकवरी के नोटिस जारी किए हैं।
एसआईटी जांच को लेकर जिला पंचायत चर्चा में है। अब 2012-17 तक की विधायक निधि के कार्यों को लेकर एक बार फिर विवादों में आ गया है। जिला पंचायत करीब 90 लाख की धनराशि के विकास कार्यों की स्पष्ट जानकारी मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय को नहीं दे रहा है। मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय से जिला पंचायत को इस संबंध में 100 से अधिक पत्र जारी किए जा चुके हैं।

अब मुख्य विकास अधिकारी ने जिला पंचायत के तत्कालीन छह अवर अभियंताओं को वसूली नोटिस (आरसी) दिए जाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय उत्तरकाशी सहित संबंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। बताया जा रहा है कि जिला पंचायत से इन अवर अभियंताओं को वर्क आर्डर व धनराशि अवमुक्त की गई थी लेकिन उक्त धनराशि से क्या कार्य किए गए इसकी जानकारी ये अभियंता अभी तक नहीं दे पाए हैं। इनमें से कुछ अवर अभियंता अब अन्य विभागों में दूसरे जिलों में तैनात हैं। सबसे अधिक एक अवर अभियंता पर 33 लाख की वसूली होनी है। इसके अलावा 31 लाख से लेकर डेढ़ लाख तक की वसूली शेष अवर अभियंताओं से होनी है।
12 लाख की धनराशि का भी नहीं है पता
मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय को जिला पंचायत की ओर से 12 लाख की धनराशि के कार्यों के आरंभ नहीं होने की जानकारी दी गई है लेकिन बताया जा रहा है कि उक्त धनराशि भी जिला पंचायत के खाते में नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब कार्य ही शुुरू नहीं हुए तो 12 लाख की धनराशि कहा गई, या फिर किन कार्यों पर खर्च की गई।
वसूली रोकने के लिए राजनीतिक दबाव
धनराशि आवंटित होने के बावजूद कार्य न करने वाले अवर अभियंताओं पर वसूली न किए जाने के लिए संबंधित अधिकारी पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि स्थानीय विधायकों सहित कई मंत्रियों ने भी आरसी (वसूली नोटिस) न काटे जाने के लिए संबंधित विभाग को कहा है

You cannot copy content of this page