जंगल में लगी आग तो रानीखेत हाईवे पर गिरे पत्थर, विभाग सोया हुआ है
रानीखेत(अल्मोड़ा)। जिले में जंगलों में आग लगने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। रानीखेत क्षेत्र के भुजान, मझेड़ा और कनवाड़ी के जंगलों में आग लग गई। कनवाड़ी के जंगल में आग लगने से झाड़ियों में अटके पत्थर रानीखेत-खैरना हाईवे पर गिर गए। संयोग से बड़ी घटना होने से बच गई। पूरे दिन वाहन चालकों और यात्रियों को खतरे के बीच सफर करना पड़ा। विभाग के कोई अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे ।
भुजान, मझेड़ा और कनवाड़ी के जंगल में बीते शनिवार आग लग गई। पूरे दिन जंगल धधकते रहे, लेकिन जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचे। इन घटनाओं में तीन हेक्टेयर से अधिक जंगल जलकर खाक हो गया और लाखों की वन संपदा स्वाहा हो गई। कनवाड़ी के जंगल में आग लगने से झाड़ियों में अटके पत्थर रानीखेत-खैरना हाईवे पर गिरते रहे। संयोग से कोई वाहन इन पत्थरों की चपेट में नहीं आया, नहीं तो बड़ी घटना हो सकती थी। वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची तो स्थानीय ग्रामीणों ने मोर्चा संभाला। कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह देर रात आग बुझाई जा रही और उन्होंने राहत की सांस ली। संवाद
18 घटनाओं में 11 हेक्टेयर से अधिक जंगल जला
अल्मोड़ा। फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाना वन विभाग के लिए चुनौती बन गया है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस फायर सीजन अब तक जिले भर में 18 घटनाओं में 11 हेक्टेयर से अधिक जंगल जलकर खाक हो चुके हैं। जंगलों की सुरक्षा के लिए बने क्रू सेंटर भी सिर्फ शोपीस बने हैं।