राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की जायज मांगों को सरकार सुध नहीं ले रही है, सभी कर्मचारी होमआइसोलेशन में
एनएचएम के डाक्टर एवं कर्मचारी मंगलवार से दो दिन की हड़ताल पर चले गये। प्रदेश में करीब 4500 कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। सभी कर्मियों ने घरों में होम आइसोलेशन में रहकर तख्ती लेकर आक्रोश जताया
हल्द्वानी /देहरादून । दिन- रात एनएचएच के कर्मी कोरोना मरीजों के साथ रहकर अपनी व अपने परिवार की जिदगी दांव में लगा देखभाल कर रहे है लेकिन सरकार उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज कर रही है।
प्रदेश के कोविड सेंटर में भर्ती पॉजिटिवों व होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों की परेशानी कम नहीं होने वाली है। लंबित मांगों के निस्तारण के लिए आंदोलनरत एनएचएच ( राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के कर्मचारी होम आइसोलेशन पर चले गए हैं। उत्तराखंड में शुरू दो दिनी आंदोलन के पहले दिन कर्मचारियों के काम नहीं करने से पॉजिटिवों सहित राष्ट्रीय कार्यक्रम पर असर पड़ा है। एनएचएम के डाक्टर एवं कर्मचारी मंगलवार से दो दिन की हड़ताल पर चले गये। प्रदेश में करीब 4500 कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। सभी कर्मियों ने घरों में होम आइसोलेशन में रहकर तख्ती लेकर आक्रोश जताया ।
दून समेत सभी जिलों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नजर आई। बुधवार को भी उनका बहिष्कार रहेगा। यहां पर टीकाकरण, सैंपलिंग, कोरोना सर्विलांस, होम आइसोलेशन किट वितरण, होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग, रिपोर्टिंग प्रभावित हुई। एनएचएम संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी ने बताया कि कर्मचारी दो दिन के लिए होम आइसोलेशन में गये हैं। लॉयल्टी बोनस का आदेश किया, लेकिन उसमें भी धोखा कर दिया गया है। इसके अलावा अन्य मांगों पर कोई अमल करने को तैयार नहीं है। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है।
ये हैं 9 सूत्रीय मांगें
-सामूहिक स्वास्थ्य बीमा/गोल्डन कार्ड सुविधा दी जाए।
- सेवा के दौरान मृत्यु पर कर्मी के परिवार को आर्थिक मदद व रोजगार।
- वर्ष 2018 से लंबित लॉयल्टी बोनस का भुगतान करें।
-कर्मियों की वेतन विसंगति दूर करें। - विभागीय ढांचे में कर्मियों के लिए ‘‘एक्स कैडर’’ का गठन।
- सेवा नियमावली/एच.आर. पॉलिसी लागू करें।
- आउटसोर्स/ठेके पर नियुक्ति का फैसला रद्द करें।
- ढांचागत पदों की नियुक्ति में एनएचएम कर्मियों को प्राथमिकता।
- वार्षिक वेतन वृद्धि 5ः से बढ़ाकर 10ः की जाए।