इतनी सत्ता विरोधी लहर के बाद भी सर्वे में क्यों बनती दिख रही बीजेपी की सरकार

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लखनऊ मनोज ।सर्व के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा अभी भी सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है। हालांकि, दो बड़े क्षेत्र पूर्वांचल और पश्चिमी यूपी में भाजपा को समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिलती है।

उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है। सभी राजनीतिक दल खुद को सत्ता के करीब बता रहे हैं। लेकिन इस दौरान तमाम एजेंसियों द्वारा ओपिनियन पोल जारी किये जा रहे हैं। जिसमें जानने की कोशिश है कि आखिर इस बार जनता का मूड क्या है?

ताजा सर्वे के मुताबिक भाजपा अपने सहयोगी दलों के साथ इस बार 225 से 237 सीटें जीत सकती है। वहीं सपा के खाते में 139-151 सीटें आ सकती है। बसपा 13-21 और कांग्रेस 4-8 पर ठहर सकती है। इसके अलावा अन्य की झोली में 2 से 6 सीटें जा सकती हैं।

गौरतलब है कि सत्ता विरोधी लहर के बाद भी यूपी की सत्ता में भाजपा के आने को लेकर सी वोटर के फाउंडर यशवंत देशमुख ने बताया कि 2017 में जिस बड़ी जीत के साथ भाजपा सत्ता में आई थी उसके मुकाबले इस बार अगर 100 सीटें कम भी आईं, तो भी उसके सत्ता में बने रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि भाजपा का वोट शेयर इस बार भी 40 फीसदी से कम नहीं होगा।

यशवंत देशमुख ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा निचले वर्ग के लोगों के लिए लाई गई योजनाओं से मिला लाभ उसे सत्ता विरोधी लहर के बाद भी मजबूत किये हुए है। उन्होंने कहा कि लोगों को दो साल में राशन देना, खातों में पैसा ट्रांसफर करना, लोगों को आवास देना, शौचालय मुहैया कराना, इन तमाम योजनाओं का लाभ निचले तबके के लोगों को सीधे रूप से मिल रहा है। यही वजह है कि भाजपा को वोट शेयर मजबूती के साथ 40 फीसदी के ऊपर बना हुआ है।

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