कपकोट विधान सभा क्षेत्र कांडा की स्वास्थ सेवाएं बदहाल , ग्रामीणों को बागेश्वर लगानी पड़ रही है दौड़

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पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों का अकाल पड़ हुआ है, कुमॉंऊ के मैदानी क्षेत्र के अस्पताल भी विशेषज्ञों से जूझ रहे है हल्द्वानी जैसे शहर में एक भी हृदय रोग विशेषज्ञ नहीं है तो फिर पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में कहां से आयेगें विषेषज्ञ ,प्रदेश की सरकार खूब प्रचार प्रसार कर रही है कि दुर्गम से दुर्गम क्षेत्रों में सुलभ स्वास्थ सेवाएं उपलब्ध करा रहे है लेकिन धरातल में कहीं पर कुछ नहीं है।
खासकर गर्भवती महिलाओं का भारी दिक्कखत हो रही है उन्हें कांड़ा से बागेश्वर गाड़ी में धक्केखाकर आना जाना पड़ रहा है ंयहां पर कोई सुविधा आजतक नहीं मिल रही है । गरीब परिवार के लोगों को आने जाने का किराया वहन करना मुश्किल हो रहा है । अस्पताल में जांच के नाम पर कुछ भी नहीं है। जनप्रतिनिधि बेखर है।

बागेश्वर । कांडा तहसील क्षेत्र में 50 से अधिक गांव और 40 हजार से अधिक की आबादी निवास करती है। तहसील की सीमा पिथौरागढ़ जिले से मिलती है। तहसील के एकमात्र सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी है। महिला रोग विशेषज्ञ का पद रिक्त होने से क्षेत्रवासियों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं को जांच कराने के लिए 25 से 70 किमी की दूरी तय कर जिला अस्पताल आना पड़ता है। प्रसव कराने के लिए भी जिला अस्पताल की दौड़ लगाना मजबूरी है। समाजसेवी गिरधारी सिंह रावत, पंकज सिंह, सुंदर सिंह गढ़िया आदि ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग से कई बार महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती की मांग की जा चुकी है। इधर, सीएचसी प्रभारी डॉ. दीपक कुमार का कहना है कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की मांग को लेकर बार-बार उच्चाधिकारियों को लिखा जा रहा है।

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