हाईकोर्ट ने शासन व हल्द्वानी नगर निगम से पूछा अतिक्रमणकारियों को कहां विस्थापित किया जा सकता है

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हल्द्वानी में 4 अप्रैल को प्रशासन ने सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटवाया था। दूसरे दिन मामला कोर्ट में पहुंच गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि वह कई दशकों से दुकान करते आए हैं। उन्हें लाइसेंस भी जारी है। इस पर कोर्ट ने विस्थापन को लेकर जवाब तलब किया है।

नैनीताल: हाई कोर्ट ने हल्द्वानी में मछली मार्केट से अतिक्रमण हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने नगर निगम व सरकार से छह सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट ने नगर निगम व सरकार से पूछा है कि अतिक्रमणकारियों को कहां विस्थापित किया जा सकता है ? 

सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत ने कोर्ट को अवगत कराया कि याचिकाकर्ता में सरकार की भूमि पर अतिक्रमण किया है। प्रशासन व नगर निगम ने अतिक्रमण को हटाने के लिए 31 मार्च को नोटिस जारी किया था। यह भी कहा था कि जिनके पास वैध लाइसेंस है, उनको दिखाएं और अपना पक्ष रखें परन्तु निर्धारित समय पर कोई सबूत पेश नहीं कर सके इसलिए प्रशासन ने सरकारी भूमि पर से अतिक्रमण को हटा दिया।हल्द्वानी निवासी विजय पाल सिंह एवं अन्य ने याचिका दायर कर कहा है कि वे 1960 से उक्त स्थान पर मीट का कारोबार करते आए है। नगर निगम ने मीट कारोबार के लिए  उनको लाइसेंस भी दिया हुआ है। हल्द्वानी जब नगर पालिका थी, तब चोरगलिया व रामपुर रोड पर  दो मीट मार्केट बनाई थी।

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