जेल कर्मियों की मिलीभगत से कुख्यात बदमाशों का अल्मोड़ा जेल से चल था गैंग ,4 गैंगस्टर पकड़े

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अल्मोड़ा जेल में लंबे समय से बंद कुख्यात बदमाश कलीम अहमद जेल से ही गैंग चला रहा था. हरिद्वार का एक व्यापारी निशाने पर था, फिरौती और हत्या की योजना बन रही थी. बिहार के गैंगस्टरों का कनेक्शन भी सामने आया.

अल्मोड़ा जेल में सर्च आपरेशन के मामले में एसटीएफ ने चार बदमाशों को गिरफ्तार कियाण्

देहरादून. / अल्मोड़ा । उत्तराखंड एसटीएफ ने अल्मोड़ा जेल में सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया, तो बड़ा खुलासा यह हुआ कि मोबाइल फोन और कैश रखकर जेल से ही गैंग चलाए जा रहे हैं. एसटीएफ की कार्रवाई के दौरान अल्मोड़ा जेल से 3 मोबाइल फोन, 4 सिम और 1 लाख 29 हज़ार रुपये कैश बरामद किया गया. बताया जा रहा है कि एसटीएफ को इनपुट मिला था कि कुख्यात बदमाश कलीम अहमद, जो अल्मोड़ा की जेल में लम्बे समय से बंद है, वह कारागार से ही अपने गैंग की आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. यह भी इनटेल था कि जेल से

मोबाइल के माध्यम से कलीम गैंग के गुर्गों के सम्पर्क में है.
जेल से कैसे चल रहा था गैंग?

इस कार्रवाई से हुए बड़े खुलासे के बाद बताया जा रहा है कि बदमाश अब्दुल कलीम अहमद ने जेल से ही मोबाइल फोन पर बात कर बिहार से दो शूटर अक्षय कुमार और साहिब कुमार बिहार के चंपारण से बुलवाए थे. इन दोनों को एसटीएफ टीम द्वारा हरिद्वार से अवैध हथियार के साथ

अरेस्ट किया गया. दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
फिरौती और हत्या का था प्लान!

दोनों शूटर चंपारण के पप्पू उर्फ लंगड़ा गैंग से बताए जाते हैं, जिनसे अब्दुल कलीम हरिद्वार के एक बड़े व्यापारी से फिरौती की रकम उठाना चाहता था. रकम न देने पर इन शूटरों को हत्या करने के आदेश थे. साथ ही ैज्थ् ने एक आरोपी सद्दाम निवासी हरिद्वार को गिरफ्तार किया, जिससे अवैध असलहा बरामद हुआ. वहीं पूरी रणनीति में बदमाशों को शरण देने और सूचना उपलब्ध करने वाले आरोपी नदीम को भी ैज्थ् ने हरिद्वार के मंगलौर से गिरफ्तार किया.

जेल में क्या कोई मिलीभगत मिली?
इस पूरी कार्रवाई में ैज्थ् ने अल्मोड़ा जेल कर्मचारी ललित मोहन भट्ट की भी संलिप्तता पाई है, जो उपनल के माध्यम से जेल में ड्राइवर था. भट्ट के बैंक खाते में अवैध वसूली की धनराशि आती थी और भट्ट द्वारा यह रकम कलीम अहमद को उपलब्ध कराई जाती थी. भट्ट को भी गिरफ्तार कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है. आरोपी भट्ट के खाते में 10 लाख रुपये के ट्रांजैक्शन संबंधी दस्तावेज़ भी मिले हैं.
वहीं, मामले की जानकारी देते हुए डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि इतना बड़ा कारनामा जेल से चल रहा है, जिसमें जेल से जुड़े कई कर्मचारी रडार में हैं. इनसे लगातार पूछताछ चल रही है.. वहीं, डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि कुख्यात बदमाश अब्दुल कलीम पर कई मुकदमे चल रहे हैं, जो आजीवन जेल की सज़ा काट रहा है.

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