किसान आंदोलन समाप्त हो गया है. आंदोलन कर रहे किसान घरों की ओर रूख कर रहे हैं. ऐसे में सिंघू सीमा पर किसानों के लिए एक साल तक लंगर चलाने वाले एक रेस्टोरेंट के मालिक सुर्खियों में हैं. इन्होंने आंदोलन के दौरान हजारों किसानों को मुफ्त में भोजन कराया. आंदोलन खत्म होने पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनका शुक्रिया अदा किया था.

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रेस्टोरेंट का नाम गोल्डन हट है. गोल्डन हट के मालिक राणा रामपाल सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि मैं बहुत खुश हूं. खुशी का मुख्य कारण यह है कि किसान जीत गए हैं. किसान मेरा परिवार है. ये लंगर तब तक चलेगा, जब तक की हर एक किसान अपने घर नहीं चला जाता.

बता दें कि राणा रामपाल सिंह रोजाना करीब 4 लाख रुपये खर्च कर किसानों के लिए लंगर चला रहे थे. किसान आंदोलन के दौरान रेस्टोरेंट बंद हो गया था. अब चूंकि आंदोलन खत्म हो गया हैं. तो वह फिर से अपना रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी में हैं.

गौरतलब है कि पिछले साल भर से अधिक समय से किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे. आंदोलन को वापस लेने के पहले दिन ही अधिकांश किसान  दिल्ली की सीमाओं को छोड़ कर अपने घर लौट आए थे. 19 नवंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि केंद्र इसी महीने के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए आवश्यक विधेयक लाएगा. लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने 29 नवंबर को शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही कृषि कानून वापसी बिल को पारित कर दिया गया था. बता दें कि किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमा पर धरने पर बैठे थे.

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