हिमस्खलन त्रासदी से जिंदा लौटे लोगों ने सुनाई अपनी दर्दनाक कहानी
उत्तराखंड में हिमस्खलन त्रासदी के बाद कुल 9 लाशें बरामद की गई हैं। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) ने गुरुवार को बताया कि अभी भी 29 ट्रेनी पर्वतारोही हिमस्खलन में फंसे हुए हैं। बचाव टीमें फंसे हुए लोगों की तलाश कर रही हैं। बचाव टीमें जिन लोगों को सुरक्षित वापस लाने में सफल हुई हैं उन पर्वतारोहियों ने अपने भयावह और दर्दनाक अनुभव साझा किए हैं।
खाई में जिंदगी और मौत के साथ लड़ाई
अस्पताल में इलाज करा रहे ट्रेनी पर्वतारोही दीप ठाकुर ने कहा कि वो इस हादसे से बाल-बाल बचे हैं। दीप ठाकुर गुजरात के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि सुबह करीब साढ़े नौ बजे द्रौपदी के डंडा शिखर पर चढ़ने के दौरान अचानक से हिमस्खलन आया। दीप ने कहा कि उसकी रफ्तार इतनी तेज थी कि वो अपने बाकी के साथियों के साथ करीब 60 फीट गहरी खाई में गिर गए। दीप ठाकुर ने बताया कि उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। वो उस खाई में 3 घंटे तक फंसे रहे। दीप ने बताया कि इस दौरान मैं जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता रहा।
कभी न भूलने वाला हादसा
मुंबई के रहने वाले एक ट्रेनी पर्वतारोही ने बताया कि वह द्रौपदी के डंडा के शिखर से केवल 100 मीटर नीचे थे। वो चोटी पर चढ़कर वहां फोटो खिंचवाकर नीचे उतरने के बारे में अभी सोच ही रहे थे कि हादसा हो गया। उन्होंने बताया कि यह हादसा ऐसा था जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। वो कहते हैं कि इस हादसे ने उन्हें कभी न भूलने वाले दुख के साथ छोड़ दिया है।
ट्रेकिंग पर लगी रोक
मंगलवार को नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के ट्रेनी पर्वतारोही और ट्रेनर 5,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने उत्तरकाशी में ट्रेकिंग और पर्वतारोहण टीमों की सुरक्षा को देखते हुए यहां अगले तीन दिनों के लिए ट्रेकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी है। मौसम विभाग ने भी इस इलाके में अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारीश की चेतावनी दी है।
16,000 फीट पर तैयार किया गया एडवांस हेलिकॉप्टर लैंडिंग ग्राउंड
बचाव के लिए एडवांस कैंप में ITBP के और जवानों को भेजा गया है। 16,000 फीट की ऊंचाई पर एक एडवांस हेलिकॉप्टर लैंडिंग ग्राउंड भी तैयार किया गया है। आज सुबह इस लैंडिंग ग्राउंड पर सफलतापूर्वक लैंडिंग भी कराई गई है। कई हेलीकॉप्टर बचाव के लिए भेजे जा चुके हैं।