उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टस में घोषणाओं पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, निवेश के लिए कहां से लाएंगे जमीन
पहाड़ों में वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए पूर्व की भांति विकास के नाम पर क्या फिर हरे भरे पेड़ों की बलि दी जाएगी।एनजीटी के सख्त नियमों से मसूरी, नैनीताल जैसे पर्यटक स्थलों में नए निर्माण को लेकर रोक और आपत्तियां हैं, ऐसे में पहाड़ में नए वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने को क्या सरकार अध्यादेश लेकर आएगी। कहा, वर्ष 2018 में ऐसे ही इन्वेस्टर समिट के बाद भाजपा सरकार ने भू कानून में बदलाव कर राज्य की जमीनों को दांव पर लगा दिया था, क्या अबकी भी भाजपा सरकार धन्ना सेठों को खुश करने के लिए फिर से भू कानून से खिलवाड़ करेगी।
देहरादून । उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से की गई घोषणाओं पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा, मुख्यमंत्री धामी तीन लाख 50 हजार करोड़ का निवेश और पीएम मोदी उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए जमीन कहां से लाएंगे।
माहरा ने कहा, उत्तराखंड में कृषि के लिए केवल 13 प्रतिशत जमीन वर्गीकृत है, तो क्या सरकार उद्योग स्थापित करने को अब किसानों, काश्तकारों की भूमि का अधिग्रहण करेगी। क्या देश दुनिया को ऑक्सीजन देने वाले उत्तराखंड के जंगलों पर आरियां चलाई जाएंगी। पहाड़ों में वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए पूर्व की भांति विकास के नाम पर क्या फिर हरे भरे पेड़ों की बलि दी जाएगी।
कहा, एनजीटी के सख्त नियमों से मसूरी, नैनीताल जैसे पर्यटक स्थलों में नए निर्माण को लेकर रोक और आपत्तियां हैं, ऐसे में पहाड़ में नए वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने को क्या सरकार अध्यादेश लेकर आएगी। कहा, वर्ष 2018 में ऐसे ही इन्वेस्टर समिट के बाद भाजपा सरकार ने भू कानून में बदलाव कर राज्य की जमीनों को दांव पर लगा दिया था, क्या अबकी भी भाजपा सरकार धन्ना सेठों को खुश करने के लिए फिर से भू कानून से खिलवाड़ करेगी।
उन्होंने वर्ष 2019 में साउथ अफ्रीका में बसे उद्योगपति गुप्ता बंधुओं की ओर से अपने दो पुत्रों की शादी औली में कराए जाने के बाद मचे बवाल की भी याद दिलाई। माहरा ने कहा, तब वहां 320 टन कूड़े का निस्तारण किया गया था। शादी समारोह में लगे 200 मजदूरों के लिए शौचालयों तक की व्यवस्था तक नहीं की गई थी।