अयोध्या में आरएसएस की बैठक में उठेगा मतांतरण का मुद्दा, मतांतरित परिवार के सदस्य ने सीएम योगी से लगाई गुहार

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लखनऊ। हिमालय की तलहटी में फैली गरीबी का लाभ उठा कर मिशनरियों की मतांतरण कराने की मुहिम को लेकर हिंदू संगठन चिंतित हैं। यह मसला अयोध्या में होने वाली संघ की बैठक में उठेगा, ताकि इस समस्या का स्थाई तौर पर समाधान ढूंढा जा सके।
रिसिया थाना क्षेत्र के शहनवाजपुर गांव सहित आधा दर्जन गांवों में मतांतरण का मसला सामने आने से आरएसएस के अनुसांगिक संगठन सकते में हैं। प्रथम दृष्टया वजह गरीबी और बीमारी के सामने आने से हिंदू संगठनों की चुनौती और बढ़ गई है। मतांतरित परिवार के एक सदस्य बबलू निषाद ने मुख्यमंत्री को प्रार्थनापत्र भेज कर कहा है कि मतांतरित लोग हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां फेंक देते हैं। उन्होंने चंगाई सभा पर रोक लगाने की मांग की है।
आगामी 17 अगस्त को अयोध्या में संघ परिवार की प्रस्तावित बैठक में बहराइच जिले में हो रहे मतांतरण का मुद्दा जोर-शोर से उठने की उम्मीद है। नवाबगंज विकास खंड के नैरेनापुर व आसपास के ग्राम सभाओं के एक दर्जन लोगों के मतांतरण ने सुर्खियां बटोरी थीं। ताजा मामला रिसिया थाना क्षेत्र का है। आरोप है कि तकरीबन 40 परिवारों का मतांतरण करा दिया गया है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अनिल निषाद के ग्राम पंचायत शहनवाजपुर, गोदनी बसाही, समसा तरहर, मलुआ भकुरहा, बेगमपुर व अलिया बुलबुल में मतांतरण के मामले का खुलासा करने के बाद जिलाधिकारी डा. दिनेश कुमार ने जांच बैठा दी है। धर्म जागरण विभाग प्रमुख जितेश्वर, विभाग कार्यवाह अंबिका प्रसाद, महामना मालवीय मिशन अध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव, समाज सुधारक स्वामी दयाल व समाजसेवी डॉ. राधेश्याम गुप्त ने बताया कि थाना रिसिया के एक दर्जन से अधिक गांवों में पूर्वांचल से आकर स्थाई रूप से बसे निर्धन व अशिक्षित तबके को ईसाई मिशनरियां निशाना बना रही हैं। इन इलाकों में प्रशिक्षित पास्टर के नेतृत्व में चंगाई प्रार्थनासभा का आयोजन किया जा रहा है। इनके प्रभाव में आकर सैंकड़ों लोग हिंदू मठ-मंदिर, देवालय, धार्मिक पुस्तक, पूजा-पाठ व संस्कृति से विमुख हो चुके हैं।

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