बागेश्वर का उत्तरायणी कौतिक ओमिक्रोन की भेंट चढ़ा
बागेश्वर। उत्तरायणी मेले पर ओमिक्रॉन की मार पड़ने से नगर पालिका के अलावा व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। पालिका ने तैयारियां शुरू कर दी थी। नगर में पालिका ने अधिकांश कार्य शुरू भी हो गए हैं। मेला सीमित होने से पालिका को नुकसान व व्यापारी मायूस है कि पिछली बार कोरोना की मार पड़ी इस बार ओमिक्रोन की ।
कोरोना के कारण पिछले वर्ष भी मेला सीमित अवधि का हुआ था लेकिन इस वर्ष नगर पालिका ने मेले को भव्य बनाने की तैयारी की थी। प्रमुख घाट, नालियों की सफाई, पुलिया निर्माण, रंग रोगन का काम इन दिनों चल रहा है। अन्य कार्यों की भी शुरुआत होनी थी। हालांकि ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद अब मेला स्थानीय स्तर का ही रह गया है।मेला सीमित होने से बाहरी व्यापारी, झूले-चर्खे, सर्कस आदि गतिविधियों का संचालन नहीं हो पाएगा। बाहरी कलाकार भी मेले में नहीं दिखेंगे। पालिका बाहरी व्यापारियों को मेले में जगह दिलाकर आय अर्जित करती थी, लेकिन मेला सीमित अवधि का होने से पालिका को करये गये कार्यो की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है।
बाहरी व्यापारियों के स्थान पर स्थानीय व्यापारियों ने मेला स्थल में दुकानें सजाकर उचित दरों पर सामान उपलब्ध कराने की बात कही है, हालांकि इस पर भी संशय बना है।