विजयवर्गीय और निशंक की जुगलबंदी, कांग्रेस हो गई अलर्ट कहीं जोड़ फोड़ की तैयारी
देहरादून । भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय रविवार को देहरादून पहुंचे थे। उन्होंने पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और फिर निशंक से उनके आवास पर मिले। उनकी मुलाकात से कांग्रेस अलर्ट मोड पर है।
विधानसभा चुनाव की मतगणना से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की सक्रियता के सियासी मायने टटोले जा रहे हैं। देहरादून पहुंचकर पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जिस अंदाज में डॉ. निशंक से मंत्रणा की, सबकी निगाहें अब दोनों दिग्गज नेताओं की जुगलबंदी पर टिक गई हैं।
सियासी हलकों में चर्चा है कि दोनों नेताओं की जुगलबंदी प्रदेश की सियासत में कोई न कोई गुल तो जरूर खिलाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के पद से विदा होने के बाद से डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की राजनीतिक सक्रियता का इंतजार हो रहा था। स्वास्थ्य कारणों से वह मुख्यधारा की राजनीति में अपने मिजाज के हिसाब से सक्रिय नहीं दिखे थे, लेकिन मतगणना से ठीक पहले उनकी सक्रियता ने सबका ध्यान खींचा है।
दोनों नेताओं के बीच हुई मंत्रणा से सियासी हलकों में ही नहीं कांग्रेस में भी हलचल शुरू हो गई। उत्तराखंड में विजयवर्गीय की सक्रियता से कांग्रेस की पेशानी पर जो बल दिखाई दे रहे हैं, उसकी वजह वर्ष 2016 में कांग्रेस में हुई सेंधमारी है। उसका मुख्य रणनीतिकार विजयवर्गीय को ही माना जाता है। यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर अन्य कांग्रेस नेता विजयवर्गीय को लेकर निशाना साध रहे हैं।
विजयवर्गीय के साथ डॉ. निशंक की सक्रियता ने कांग्रेस नेताओं की बेचैनी और बढ़ा दी है। मतगणना से ठीक पहले निशंक की सक्रियता के यही मायने माने जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें खास मिशन सौंपा है, जिसे वह विजयवर्गीय के साथ अंजाम देंगे। हालांकि, विजयवर्गीय ऐसी किसी भी संभावना से साफ इनकार कर रहे हैं।