दुर्गम स्थलों के लोगों की समस्याओं का समाधान प्रति सप्ताह हो
दुर्गम क्षेत्रों में लोगों की समस्या धरी की धरी रह जाती है ,समाधान के लिए कोई नहीं पूछता विकास से जुड़े अधिकारी झांकने तक नहीं जाते केवल जहां पर मोटर मार्ग है वहीं तक अपने वाहनों से महिने में एक चक्कर लगाते है। यहां तक की ग्राम विकास अधिकारी ,क्षेत्र पटवारी ,समाज कल्याण अधिकारी व कृषि एवं बागवानी से जुड़े अधिकारी कभी भी दुर्गम स्थलों के लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए जाते ही नहीं ।
देहरादून । संयुक्त नागरिक संगठन ने सीएम व मुख्यसचिव को ज्ञापन भेजा है। कहना है कि दुर्गम क्षेत्रों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए समय रहते समाधान करना आवश्यक है। साथ ही किए जा रहे कार्यों की प्रति सप्ताह समीक्षा सचिवालय स्तर पर की जाए।
प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती का कहना है कि समाचार पत्रों के माध्यम से आए दिन दुर्गम क्षेत्रों की शिकायतें सामने आती रही हैं। सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य, परिवहन, शिक्षा, पीडब्ल्यूडी, जलआपूर्ति, खाद्य, विद्युत से जुड़ी समस्याओं के लिए सूचना विभाग को निर्देशित कर रिपोर्ट निदेशालय में प्रस्तुत की जाए। समस्याओं के समाधान में विभागीय लापरवाही, जानबूझकर किए गये विलम्ब, गुणवत्ता मे कमी, भ्रष्टाचार आदि मामलों का संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। महासचिव सुशील त्यागी का कहना है कि योजनाओं में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस पर सख्ती से लगाम लगाने की जरूरत है। सुझाव दिया कि व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए सीएम स्तर पर आधुनिक कम्प्यूटरीकृत केन्द्रीय संचार प्रणाली बनायी जाए। जिससे समय रहते समस्याओं का समाधान हो सके।