सरकार से गठित टीम ने शुरू की खड़िया खनन क्षेत्र की जांच, पूर्व जिलाधिकारी जिम्मेदार, कहा जनता की आवाज को दबाया गया

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पूर्व जिलाधिकारी ने क्षेत्र की जनता की पीड़ा सुनी नहीं ,कई परिवार बेघर हुए ,मकानों में दरारें आ चुकि है ,क्षेत्र की जनता जनता दरवार मेें चिल्लाती रही लेकिन किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया ,अगर जनता की आवाज को गंभीरता ने लिया होता तो ऐसे हालात नहीं होते ।

बागेश्वर । हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार ने खड़िया खनन की जांच के लिए प्रदेश स्तरीय जांच टीम गठित की है। मंगलवार को टीम कांडा क्षेत्र में पहुंची तथा जांच शुरू कर दी है। एक सप्ताह तक टीम जांच करेगी। वहां खड़िया खनन से हो रहे नुकसान तथा उसके मानकों की जांच भी होगी। जांच रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी। कांडा क्षेत्र में खड़िया खनन से हो रहे नुकसान का हाईकोर्ट ने स्वतरू संज्ञान लिया। पूर्व जिलाधिकारी ने क्षेत्र की जनता की पीड़ा सुनी नहीं ,कई परिवार बेघर हुए ,मकानों में दरारें आ चुकि है ,क्षेत्र की जनता जनता दरवार मेें चिल्लाती रही लेकिन किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया ।
न्यायालय की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार ने प्रदेश स्तरी जांच कमेटी गठित की। साथ ही जिला स्तरीय जांच कमेटी भी बनाई गई है। दो दिन पहले जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने रीमा क्षेत्र की खड़िया खानों का निरीक्षण किया। मंगलवार को भूतत्व एवं खनिजकर्म विभाग देहरादून से आई टीम ने राजस्व विभाग के साथ कांडा क्षेत्र के खड़िया खानों का निरीक्षण शुरू किया।
टीम ने पहले दिन कांनेकन्याल व सुनारगांव के खड़िया खानों का निरीक्षण किया। यह जांच सप्ताह तक चलेगी। टीम में अपर निदेशक डा. अमित कुमार, उप निदेशक लेखा राज, भू-वैज्ञानिक रवि नेगी, सहायक भू वैज्ञानिक सुनील दत्त जिला खान अधिकारी नाजिया हसन खान के अलावा तहसील प्रशासन की ओर से कानूनगो पप्पू लाल टम्टा, राजस्व उप निरीक्षक मनोज कुमार तहसीलदार काफलीगैर किशोर रौतेला आदि शामिल हैं।

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