न्याय देवता चितई गोल्जू के दरवार में पीड़ित बेरोजगार युवाओं ने लगाई अर्जी ,कहा भ्रष्ट नेताओं का नाश करें जिन्होंनें हमारे भविष्य से खिलवाड़ किया
अल्मोड़ा । यूकेएसएसएससी में हुई धांधली को लेकर युवा बेरोजगार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच यह मामला न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देवता के दरबार में पहुंचा गया है.
अल्मोड़ा. इन दिनों उत्तराखंड में एक प्रकरण काफी जोर शोर से चल रहा है जिसमें काफी युवाओं का जीवन आधार पर लटका हुआ है. हम बात कर रहे हैं यूकेएसएसएससी में हुई धांधली की, जिसको लेकर अल्मोड़ा के युवाओं के द्वारा भी प्रदर्शन किया जा रहा है i
यूकेएसएसएससी और विधानसभा में हुई भर्ती के विरोध में अल्मोड़ा के युवा वर्ग प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले चरण में 29 अगस्त को युवाओं के द्वारा चौघानपाटा में पोस्टर और जन गीतों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया. दूसरे चरण में 30 अगस्त को जिलाधिकारी वंदना सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को घोटाले की सीबीआई जांच करने के लिए ज्ञापन सौंपा, तो वहीं तीसरे और आखिरी चरण में अगस्त 31 अगस्त को न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देवता के दरबार में जाकर युवाओं के द्वारा अर्जी लगाई गई. इस दौरान युवाओं ने न्याय की गुहार लगाते हुए गोलू देवता मंदिर में पत्र चढ़ाए हैं, जो कि कुमाऊंनी भाषा लिखे गए हैं.
यूकेएसएसएससी और विधानसभा में हुई भर्ती के विरोध में अल्मोड़ा के युवा वर्ग प्रदर्शन कर रहे हैं.
आपको बता दें कि 29 अगस्त को युवाओं के द्वारा चौघानपाटा में पोस्टर और जन गीतों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन किया गया. दूसरे चरण में 30 अगस्त को जिलाधिकारी वंदना सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को घोटाले की सीबीआई जांच करने के लिए ज्ञापन सौंपा, तो वहीं तीसरे और आखिरी चरण में अगस्त 31 अगस्त को न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देवता के दरबार में जाकर युवाओं के द्वारा अर्जी लगाई गई. इस दौरान युवाओं ने न्याय की गुहार लगाते हुए गोलू देवता मंदिर में पत्र चढ़ाए हैं, जो कि कुमाऊंनी भाषा लिखे गए हैं.
इस अर्जी में लिखा गया है कि गरीब बेरोजगार छात्रों की सुनने वाला कोई नहीं है. श्हे गोलज्यू अब तुम ही हमार न्याय करना, देवभूमि को लूट-लूट कर बर्बाद करने वालों का हिसाब करना
गौरतलब है कि छात्रों द्वारा न्ज्ञैैैब् घोटाले में सीबीआई जांच की मांग लगातार की जा रही है. छात्रों का कहना है कि जो परीक्षाएं रद्द की गई हैं, उन्हें अतिशीघ्र संपन्न किया जाए और निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.
यूकेएसएसएससी द्वारा एग्जाम कैलेंडर जारी कर घोटाले से प्रभावित आयु सीमा पार कर चुके अभियार्थियों को आयु सीमा में छूट प्रदान की जाए ।