सात संकेत हो सकते हैं दिमाग की नसों में कमजोरी के लक्षण, नजरअंदाज करना हो सकता है घातक

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आपका दिमाग आपकी तमाम नसों से जुड़ा होता है और इसमें आने वाली थोड़ी सी भी गड़बड़ी पूरे शरीर के कामकाज को प्रभावित कर सकती है। पर कई बार शरीर के कुछ नसों में कमजोरी आ जाती है और ये परेशान करने लगती है। दिमाग के नसों में कमजोरी भी, नसों से जुड़ी ऐसी ही गड़बड़ी है। हालांकि, नसों की कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि चोट लगने से, शरीर में कुछ पोषक तत्वों की कमी से और नसों पर दबाव पड़ने से। इसके अलावा कई बार इंफेक्शन के कारण और कुछ दवाइयां की वजह से भी दिमाग की नसों में कमजोरी आ जाती है। इन तमाम कारणों के होने वाली नसों की कमजोरी के लक्षण अलग-अलग तरीके से नजर आते हैं। तो, आइए हम आपको नसों की कमजोरी के कुछ लक्षण बताते हैं जिन्हें जान कर आप इस समस्या का इलाज करवा सकते हैं।  

दिमाग की नसों में कमजोरी के लक्षण: 

1. लगातार सिरदर्द या अचानक से सिरदर्द

लगातार सिरदर्द या अचानक से सिरदर्द होना भी दिमाग की नसों की कमजोरी के लक्षण हो सकते हैं। दरअसल, दिमाग में कमजोरी होने पर तमाम कोशिकाओं में ऑक्सीजन सही से नहीं पहुंच पाता है। इसके अलावा कई बार दिमाग के किसी खास हिस्से में जाने वाली नसों में खून जम जाने के कारण भी अचानक से तेज सिर दर्द हो सकता है। 

2. शरीर में झुनझुनी

शरीर में झुनझुनी भी दिमागी नसों की कमजोरी के लक्षण हैं। दरअसल, जब आपके दिमाग की नसों में ब्लड सही से नहीं पहुंच पाता है जिसकी वजह से शरीर के अलग-अलग अंगों में झुनझुनी  होने लगती है। 

स्ट्रोक

शरीर में दिमाग की कोशिकाओं को प्रभावित होने से कई बार स्ट्रोक की समस्या हो सकती हैं। ये स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है और शरीर के काम काज को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में स्ट्रोक बाद शरीर में कई अलग-अलग लक्षण नजर आ सकते हैं। 

चलने-फिरने में दिक्कत

दिमाग की नसों से हमारे शरीर के कई अंग जुड़े रहते हैं। इसलिए जब दिमाग की नसों में कमजोरी होती है तो, इसका असर आपके चलने-फिरने पर भी पड़ सकता है। साथ ही इससे कमजोरी या मांसपेशियों की ताकत का नुकसान भी हो सकता है, जिससे आपको अपने पैर कमजोर महसूस हो सकते हैं।

5. मानसिक क्षमता का प्रभावित होना

दिमाग नसों के कमजोर होने से कई बार मानसिक क्षमताएं भी प्रभावित होती हैं। जैसे कि ये सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है। तो कई बार ये याददाश्त को भी प्रभावित करता है। इससे व्यक्ति को चीजें याद कर बोलने में भी मुश्किल हो सकती है। साथ ही चीजों को बोलने में कंफ्यूजन हो जाना भी दिमाग के नसों की कमजोरी से जुड़ा हो सकता है। 

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