प्रोस्टेट से पीड़ित मरीजों के ईलाज में अब नहीं पड़ेगी सर्जरी की जरूरत ,यूपी में शुरू हुई यह तकनीक

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लखनऊ । डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में डॉ. ईश्वर राम धायल ने यूरोलिफ्ट तकनीक का इस्तेमाल कर दो मरीजों का निशुल्क इलाज किया है। दोनों मरीज प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने की समस्या से पीड़ित थे। जिसकी वजह से उन्हें यूरिन में दिक्कत आ रही थी। उत्तर प्रदेश में पहली बार इस तकनीक का इस्तेमाल लोहिया संस्थान में हुआ है। बताया जा रहा है कि इस तकनीक में सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ती और मरीज को अस्पताल में रुकना भी नहीं पड़ता। अभी तक पूरे भारत में इस तकनीक से महज 180 मरीजों का इलाज किया गया है। इतना ही नहीं यह तकनीक अभी देश के कुछ बड़े महानगरों तक ही सीमित है।

दरअसल, प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या से ग्रसित कई मरीज अधिक उम्र के होते हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने पर यूरिन संबंधी दिक्कते शुरू हो जाती है। यूरिन यानी की पेशाब रुक-रुक आती है, जलन भी हो सकती है। अभी तक इस बीमारी में सर्जरी करनी पड़ती थी। जिसके चलते बहुत से मरीज सर्जरी नहीं करा पाते थे। कई बार दिल व अन्य बीमारियों के चलते बुजुर्गों की सर्जरी नहीं हो पाती थी। एक तरफ जीवन का खतरा दूसरी तरफ यूरिन की समस्या बुजुर्गों के जीवन के लिए अभिशाप बन जाती थी। ऐसे मरीजों के लिए यूरोलिफ्ट तकनीक एक वरदान की तरह है।

लोहिया संस्थान में यूरोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. ईश्वर राम धायल ने बताया कि यह तकनीक उन लोगों के लिए वरदान साबित होगी। जिनकों स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते एनेस्थीसिया नहीं दिया जा सकता। यूरोलिफ्ट तकनीक के जरिये यूरिन के रास्ते इंप्लांट डाले जाते हैं। जिससे यूरीन का रास्ता सुगम हो जाता है और मरीज को महज पांच से दस मिनट के भीतर बिना सर्जरी प्रोस्टेट ग्रंथि के बढ़ने से हो रही दिक्कत से निजात मिल जाती है। उन्होंने बताया कि पहली बार उन्होंने दो मरीजों का इस तकनीक से इलाज किया है।

सर्जरी के दौरान लंदन के डॉ. राजेश कविया,लोहिया संस्थान के डॉ. आलोक श्रीवास्तव, डॉ.संजीत सिंह, डॉ. प्रशान्त चौहान, डॉ. स्मारिका मौजूद रहीं।

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