इस बार रक्षाबंधन पर 12 घंटे का शुभ मुहूर्त, जानिए कब और कैसे बांधे राखी

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रक्षाबंधन पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्राकाल और राहुकाल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इसलिए इस दौरान राखी नहीं बांधी जाती है। इस साल भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसलिए 22 अगस्त को बहनें पूरे दिन भाइयों की कलाई में राखी बांध सकेंगी।

हरिद्वार । (महेश शर्मा )हिंदू धर्म में सावन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है। इस बार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त शाम से शुरू होगी और 22 अगस्त को सूर्याेदय पर पूर्णिमा रहेगी। इस वजह से 22 अगस्त को ही रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा। अच्छी खबर यह है कि इस बार रक्षा बंधन के त्योहार पर शोभन योग बन रहा है और राखी बांधने के लिए 12 घंटे का मुहूर्त है।

रक्षाबंधन की तिथि 22 अगस्त रविवार को है। पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त को शाम 3 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और 22 अगस्त की शाम 5 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। 22 अगस्त के दिन सूर्याेदय के समय पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए रक्षाबंधन का त्योहार इसी दिन मनाया जाएगा। राखी बांधने का समय सुबह 5 बजकर 50 मिनट से शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इसकी कुल समयावधि12 घंटे और 11 मिनट है। रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 44 मिनट से शाम 4 बजकर 23 मिनट तक

रक्षाबंधन के दिन सुबह उठकर स्नान करें और शुद्ध कपड़े पहनें। इसके बाद चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एकसाथ मिलाएं और पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाएं। थाली में मिठाई रखें और भाई को पीढ़े पर बिठाएं। ध्यान रहे कि रक्षा सूत्र बांधते वक्त भाई का मुंह पूर्व दिशा की ओर रहना चाहिए। तिलक लगाते समय बहन का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना भी जरूरी है। भाई के माथे पर टीका लगाकर दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र बांधें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें फिर उसको मिठाई खिलाएं।

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