इस बार पहाड़ की खेती बचाने ,शराबबंदी, बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने वाले को ही विधानसभा चुनाव में वोट दिया जाएगा
महिला एकता परिषद के सम्मेलन में पहाड़ के अनुरूप ठोस नीतियां व उन्हें धरातल पर उतारे जाने की पुरजोर वकालत की गई। वक्ताओं ने साफ कहा कि मुफ्त बिजली व मुफ्त राशन की बात करने वालों को दरकिनार कर दिया जायेगा , बल्कि बुनियादी सुविधाओं का विस्तार कर युवाओं को स्वरोजगार से खाली होते गांवों को पुन आबाद करने वाले बात करें ,पहाड़ खाली होते जा रहा है। इसको लेकर किसी पार्टी के नेता ने वादा नहीं किया ।
द्वाराहाट( अल्मोड़ा) । महिला एकता परिषद के सम्मेलन में पहाड़ के अनुरूप ठोस नीतियां व उन्हें धरातल पर उतारे जाने की पुरजोर वकालत की गई। वक्ताओं ने साफ कहा कि मुफ्त बिजली व मुफ्त राशन से पलायन नहीं रुकने वाला है। बल्कि बुनियादी सुविधाओं का विस्तार कर युवाओं को स्वरोजगार से खाली होते गांवों को पुनरू आबाद किया जा सकता है। मातृशक्ति ने कहा कि पहाड़ में कृषि बचाने व शराबबंदी को आवाज बुलंद करने वाले को ही विधानसभा चुनाव में वोट दिया जाएगा। साथ ही पाच जनवरी से श्पर्वतीय खेती बचाओश् अभियान शुरू करने का एलान किया। ताकि तंत्र का ध्यान अभावग्रस्त पहाड़ की ओर खींचा जा सके।
मुफ्त का राशन व बिजली देने वालों को दरकिनार किया जायेगा
महिला एकता परिषद के गठन को 25 वर्ष पूर्ण होने पर सोमवार को सुदूर जालली में तमाम गांवों की नारीशक्ति जुटी। लगातार मजबूत हो रहे संगठन से उत्साही महिला सदस्यों ने गावों से हो रहे पलायन के लिए सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि चुनौतियों से भरे कृषि व पानी के मुद्दे पर ठोस नीति बने तो राज्य का युवा स्वरोजगार के जरिये गावों को पुनरू आबाद करने को तत्पर है। महिलाओं ने कहा कि युवाओं को मुफ्त बिजली व मुफ्त राशन नहीं बल्कि हर हाथ को काम चाहिए। महिलाओं ने धर्म व जाति की राजनीति को भी राज्य के लिए नुकसानदेह बताया।
दो टूक कहा कि पहाड़ की खेती बचाने व शराबबंदी के पैरोकारों को ही विधानसभा चुनाव में वोट दिया जाएगा। यह भी निर्णय लिया कि बंदर व सूअरों से तबाह हो रही खेती के संरक्षण को बाड़ी गांव से पाच जनवरी से अभियान शुरू किया जाएगा।
सम्मेलन में बिठोली, काडे, सुनाड़ी, बाड़ी, बेढुली सिमलगाव, चौरा, सनड़े, सिलंग, बयेड़ा आदि गावों से महिलाएं पहुंची। इस दौरान परिषद अध्यक्ष दुर्गा बिष्ट, महासचिव मधुबाला काडपाल, हेमा नेगी, पुष्पा रावत, दुर्गा बिष्ट, गीता मेहरा, शोभा रावत ,पुष्पा देवी, आशा देवी आदि ने विचार रखे।