जिन लोगों की नौकरी छूट गई है, उन्हें दोबारा मुश्किल से रोजगार मिलेगा
देश में कोविड की दूसरी लहर का असर 1 करोड़ से ज्यादा लोग बेरोजगार हुए; 97ः परिवारों की कमाई घटी; अच्छी नौकरियां मिलने में एक साल लग जाएगा
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर के कारण देश में 1 करोड़ से ज्यादा भारतीयों की नौकरी चली गई और 97ः से ज्यादा परिवारों की कमाई घट गई है। प्राइवेट थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (ब्डप्म्) के ब्म्व् महेश व्यास ने यह बात कही है। उनका कहना है कि मई के अंत तक देश की बेरोजगारी दर 12ः तक आ सकती है। अप्रैल में बेरोजगारी दर 8ः थी।
पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के कारण मई में बेरोजगारी दर रिकॉर्ड 23.5ः तक पहुंच गई थी। कई एक्सपर्ट्स की राय है कि संक्रमण की दूसरी लहर का पीक चला गया है। अब राज्य धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों पर लगे प्रतिबंधों को हटाएंगे। इससे इकोनॉमी को मदद मिलेगी व रोजगार के अवसर बढ़गे।
सीएमआई की ताजा डाटा के मुताबिक, 30 मई को समाप्त हुए सप्ताह में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 18ः के करीब पहुंच गई है। डाटा के मुताबिक, शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 17.88ः रही है। जबकि इस अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी दर 12.15ः रही है। डाटा के अनुसार, शहरी बेरोजगारी दर में पिछले 15 दिनों में 3ः की बढ़ोतरी हुई है। जबकि 2 मई को समाप्त हुए सप्ताह में शहरी बेरोजगारी दर 10.8ः थी।
ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर 4ः घटी
पहला कारण- रोजगार के कम अवसर।
दूसरा कारण- कंपनियों में ज्यादा कर्मचारियों को हायर करने की झिझक।
तीसरा कारण- वैज्ञानिकों के हवा के जरिए कोरोनावायरस फैलने वाले अध्ययन के कारण लेबर के सामने जोखिम में बढ़ोतरी होना।
आईटी को छोड़कर अन्य सेक्टर्स में रोजगार के सीमित अवसर
आईटी और इससे संबंधित सेक्टर्स को छोड़कर सभी जगहों पर रोजगार के सीमित अवसर हैं। यदि हम एफएमसीजी, रिटेल ट्रेड, ऑटोमोबाइल, शहरी बाजारों समेत असंगठित क्षेत्र, हॉस्पिटेलिटी और टूरिज्म सेक्टर को देखते हैं तो यहां पर खुश होने के लिए कुछ नहीं है। बिजनेस सेंटिमेंट गिरा हुआ है। खपत में गिरावट है। हम चक्रीय या सर्कुलर संकट का सामना कर रहे हैं।