फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए ज़रूर खाएं ये 3 तरह के विटामिन

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फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आपको संतुलित और सही आहार के साथ कुछ स्पलीमेंट्स लेने की भी ज़रूरत है। ख़ासतौर पर तीन तरह के विटामिन्स आपके फेफड़ों को स्वस्थ्य बनाने की अच्छी क्षमता रखते हैं।

हल्द्वानी । हवा में लगातार बढ़ते प्रदूषण और छोटे-छोटे धूल के कण हमारे श्वसन तंत्र में प्रवेश कर जलन और कई करह की समस्याएं पैदा करते हैं। जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। जिसकी वजह से ब्रॉन्क्राइटिस और अस्थमा जैसी फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां आम होती जा रही थीं। हर साल लोग अस्थमा और ब्रॉन्क्राइटिस का शिकार हो रहे थे, और अब कोरोना वायरस महामारी भी फेफड़ों पर ही हमला करती है। जिसकी वजह से स्वास्थ्य के लिए हमारे फेफड़ों की सेहत और सुरक्षा बेहद अहम हो गई है।
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए आपको संतुलित और सही आहार के साथ कुछ स्पलीमेंट्स लेने की भी ज़रूरत है। ख़ासतौर पर विटामिन्स आपके फेफड़ों को स्वस्थ्य बनाने की अच्छी क्षमता रखते हैं। अगर आप नियमित तौर से विटामिन्स का सेवन करते हैं, तो सेल डैमेज को रोकने के साथ सांस फूलना और जलन जैसी समस्या से भी राहत पाई जा सकती है। तो आइए जानते हैं कि फेफड़ों की सेहत के लिए कौन-कौन से विटामिन्स फायदेमंद साबित होते हैं।
ये 3 विटामिन्स कर सकते हैं मदद
विटामिन-डी

विटामिन-डी हड्डियों और दांत को मज़बूत बनाने के साथ सांस से जुड़े संक्रमण से बचाने का भी काम करता है। ख़ासतौर पर अगर कोई क्रॉनिक ऑब्स्ट्रेक्टिव पल्मोनरी डिसीज़ से जूझ रहा है, तो विटामिन-डी बड़े काम की चीज़ साबित हो सकती है। एक शोध के अनुसार, शरीर में विटामिन-डी की कमी से घरघराहट, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और सांस से जुड़ी अन्य समस्याओं का ख़तरा बढ़ता है। ऐसे में विटामिन-डी के सेवन से फेफड़ों में सुधार किया जा सकता है।
वैसे तो सूरज की किरणों की मदद से हमें विटामिन-डी मिल जाता है, लेकिन इसके अलावा बाज़ार में विटामिन-डी कैप्सूल्स भी उपलब्ध होती हैं। खाद्य पदार्थों की बात करें तो ट्यूना, सैल्मन और अंडे की ज़र्दी के सेवन से शरीर को विटामिन-डी मिल जाता है

विटामिन-सी
विटामिन-सी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करता है। इस पोषक तत्व के फायदे खासतौर से इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण हैं। जो फेफड़ों को संक्रमण से बचाते हैं। रोज़ाना विटामिन-सी की एक ख़ुराक लेने से प्रतिरक्षा को बढ़ावा तो मिलता ही है, साथ ही त्वचा में कोलेजन के उत्पादन भी बढ़ता है। ज़्यादातर खट्टे फलों में पाया जाने वाला विटामिन-सी, फ्री-रेडिकल्स और टॉक्सिन्स से लड़ने के अलावा हानिकारक अणुओं से छुटकारा दिलाता है। विटामिन-सी फेफड़ों में हुई खराबी को ठीक करता है, जिससे बीमारी जल्द ठीक हो जाती है।

विटामिन-ए
फेफड़े की क्षमता को बरकरार रखने के लिए विटामिन-ए का सेवन अच्छा है। फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए ये विटामिन दूसरा सबसे ज़रूरी पोषक तत्व है। यह न सिर्फ आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाएगा बल्कि इससे फेफड़ों के टिशूज़ में सुधार करने का भी काम करेगा। विटामिन -ए डेयरी उत्पाद , मछली, ख़रबूज़ा, ब्रोकली, गाजर जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। क्योंकि फेफड़ों की सेहत के लिए आपको विटामिन-ए की छोड़ी ही मात्रा चाहिए इसलिए इन चीज़ों का सेवन करना काफी है। ध्यान रखें कि विटामिन-ए का ज़्यादा सेवन न करें क्योंकि लंबे समय में इससे लीवर और हड्डियों की समस्या शुरू हो सकती है।
विटामिन्स सप्लीमेंट्स को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले या कोई भी सवाल या परेशानी हो तो अपने डॉक्टर से सलाह करना न भूलें।

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