यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी मां से कर गए वादे..
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मां से जल्दी फिर आने का वादा कर गए हैं। मां सावित्री देवी ने कहा, योगी बड़ी जिम्मेदारियों के बाद भी बदले नहीं हैं। गांव में दिन भर ग्रामीणों के साथ बातचीत करते हुए वह बिलकुल अलग से नहीं लगे। योगी जाते वक्त क्या वादा कर गए?
जवाब देते हुए बुजुर्ग अम्मा की आंखों में एकाएक चमक आ गई। बोलीं, दोबारा जल्दी आकर मुलाकात करने को कह गए। पिछली बार वर्ष 2017 में आए थे तब भी कहा था कि दोबारा दर्शन के लिए आऊंगा और अपना वादा निभाया। शुक्रवार को आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत करते हुए सावित्री देवी अपने पुत्र और कद्दावर नेता योगी की बचपन की यादों में खो गईं।
उन्होंने बताया कि शिक्षा और पौधरोपण के प्रति योगी के मन में बचपन से ही जूनून था। अपने पिता की तरह ही वो खुद भी पौधे लगाते थे और बाकी गांव वालों को भी प्रेरित करते थे। बचपन का एक किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि एक बार नाश्ता बनने में देर हो जाने के कारण योगी बिना खाना खाए ही स्कूल चले गए थे।
उस दिन की याद आज भी मन में कसक पैदा करती है। बचपन से शिक्षा के प्रति ललक थी। स्कूल जाने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। कभी देर नहीं की। अगर सुबह का नाश्ता नहीं बना तो बिना खाना खाए ही स्कूल दौड़ जाते थे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की बुजुर्ग माता सावित्री देवी के लिए जैसे यह कल ही बात हो। योगी पांच साल बाद अपने गांव आए थे।
तीन मई को पंचूर आए योगी यहां दो रात्रि रुके। पंचूर प्रवास के दौरान सीएम योगी अपनी माता के साथ रोजाना अलग से एक एक घंटा बैठे। रात नौ दस बजे के करीब अपनी माता के पास ही रहते।
धर्म के प्रति बचपन से ही था रुझान : सीएम योगी के भाई महेंद्र सिंह बताते हैं कि योगी जी सभी को फलदार पौधे लगाने का सुझाव देते हैं। यह भाव उनके मन में काफी गहराई तक बसा है। प्रकृति के प्रति वो बचपन से ही काफी गंभीर रहे हैं। पिताजी की तर्ज पर ही वो खूब पौधे लगाते थे। धर्म के प्रति उनकी आस्था बचपन से ही थी।
सिंह कहते हैं कि पलायन को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की, लेकिन सुझाव भी दिया। उन्होंने पूछा भी कि खेत खाली क्यों हैं? इनमें खेती क्यों नहीं होती? लोगों को बहुतायत से फलदार पौधे लगाने चाहिए। गांव के विकास के लिए यह काफी उपयोगी साबित होगा।
जिसने बुलाया, उसकी मदद को पहुंच जाते योगी : यूपी के सीएम योगी भले ही वापस लखनऊ लौट गए, लेकिन पंचूर गांव अपने लाड़ले की यादों से अब तक गुलजार है। योगी को लेकर ग्रामीणों का समर्पण, गौरव की अनुभूति और उत्साह आज भी अपने चरम पर है।
ग्रामीण विशन सिंह बताते हैं कि योगी जी हमारी शान हैं। न केवल पंचूर बल्कि पूरे देश की शान हैं। फिर विशन बचपन की यादों में खो जाते हैं। वो कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही दूध-दही बहुत पसंद था। स्कूल को लेकर उनका समर्पण देखते ही बनता था। दिगबंर सिंह कहते हैँ कि योगी जी को बचपन से ही खेती के साथ बहुत लगाव था। अपनी खेती के साथ ही वो दूसरे लोगों की खूब मदद किया करते थे।